बिहार : खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

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बिहार : खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिहार में खनिज तेल मिलने की संभावनाएँ हैं-
(क) हिमालय क्षेत्र में
(ख) दक्षिण बिहार के मैदान में
(ग) दक्षिण बिहार के पहाड़ी क्षेत्र में
(घ) गंगा के द्रोणी में
उत्तर-
(घ) गंगा के द्रोणी में

प्रश्न 2.
चूना पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्योग में होता है ?
(क) सीमेंट उद्योग
(ख) लोहा इस्पात उद्योग
(ग) सीसा उद्योग
(घ) इनमें से किसी में नहीं
उत्तर-
(क) सीमेंट उद्योग

 

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प्रश्न 3.
पाइराइट खनिज है
(क) धात्विक
(ख) अधात्विक
(ग) परमाणु
(घ) ईंधन
उत्तर-
(ख) अधात्विक

प्रश्न 4.
बिहार के सोना अयस्क से प्रतिटन शुद्ध सोना प्राप्त होता है
(क) 05 से 06 ग्राम
(ख) 0.1 से 0.6 ग्राम
(ग) 00.00 से 0.1 ग्राम
(घ) 0.001 से 0.003 ग्राम
उत्तर-
(ख) 0.1 से 0.6 ग्राम

 

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प्रश्न 5.
कहलगांव तापीय विद्युत परियोजना किस जिला में अवस्थित है ?
(क) भागलपुर
(ख) मुंगेर
(ग) जमुई
(घ) साहेबगंज
उत्तर-
(क) भागलपुर

प्रश्न 6.
कांटी तापीय विद्यत परियोजना किस जिला में स्थापित है?
(क) पूर्णिया
(ख) सिवान
(ग) मुजफ्फरपुर
(घ) पूर्वी चम्पारण
उत्तर-
(ग) मुजफ्फरपुर

 

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प्रश्न 7.
बिहार में बी. एच. पी. सी. द्वारा वृहत् परियोजनाओं की संख्या कितनी है ?
(क) 3
(ख) 10
(ग) 5
(घ) 7
उत्तर-
(ख) 10

प्रश्न 8.
बिहार में कार्यरत जल विद्युत परियोजनाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी
(क) 35.60 मेगावाट
(ख) 44.20 मेगावाट
(ग) 50.60 मेगावाट
(घ) 30 मेगावाट
उत्तर-
(ख) 44.20 मेगावाट

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अभ्रक कहाँ मिलता है ? इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर-
झारखण्ड के संलग्न क्षेत्रों नवादा, जमुई और बाँका में मस्कोव्हाइट अभ्रक पाया जाता है।
अभ्रक का उपयोग रेडियो यंत्र, बेतार के तार संयंत्रों, सजावटी सामानों, बिजली के उपकरणों के निर्माण में होता है।

प्रश्न 2.
बिहार में ग्रेफाइट एवं यूरेनियम के वितरण को लिखिए।
उत्तर-
ग्रेफाइट का वितरण- मुंगेर एवं रोहतास जिले में, यूरेनियम का वितरण बिहार में उपलब्ध नहीं है।

 

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प्रश्न 3.
बिहार में तापीय विद्युत केन्द्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
बिहार में कई तापीय विद्युत केन्द्र हैं-जैसे- कहलगांव, कांटी और बरौनी तापीय विद्युत केन्द्र। इसके अलावे बाढ़ और नवीनगर निर्माणाधीन विद्युत केन्द्र हैं।

प्रश्न 4.
सोन नदी घाटी परियोजना से उत्पादित जल विद्युत का वर्णन करें।
उत्तर-
सोन नदी घाटी परियोजना के पश्चिमी नहर से 6.6 मेगावाट एवं पूर्वी नहर से 3.3 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन हो रहा है।

प्रश्न 5.
बिहार में जल विद्युत के विकास पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
बिहार में जल विद्युत के विकास के लिए बिहार राज्य जल विद्युत निगम की स्थापना 1982 में की गयी। यहाँ इसकी विकास की.संभावनाएं हैं जिनपर तेजी से काम हो रहा है। कैमूर एवं औरंगाबाद जिलों में कई प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अतिरिक्त कई निर्माणाधीन परियोजनाएं भी हैं। जैसे कलेर (अरवल) अगनूर बगहा (प. चम्पारण) , का त्रिवेणी, ओगरा, (औरंगाबाद), तेजपुर टिहरी (रोहतास) का डेलबाग, नासरीगंज (रोहतास), नोखा (रोहतास) इत्यादि।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को वर्गीकृत कर किसी एक वर्ग के खनिज का
वितरण एवं उपयोगिता लिखिए।
उत्तर-
बिहार में दो वर्गों के खनिज पाए जाते हैं

  • धात्विक खनिज इसके अन्तर्गत बॉक्साइट, मैग्नेटाइट और सोना अयस्क आते हैं।
  • अधात्विक खनिज- इसके अन्तर्गत चूनापत्थर, अभ्रक, डोलोमाइट, सिलिका सैंड, पाइराइट, क्वार्ट्स, फेल्सपार, चीनी मिट्टी, स्लेट एवं शोरा इत्यादि सम्मिलित होते हैं।

धात्विक खनिज –

बॉक्साइट का भंडार बिहार में 1.5 हजार मीट्रिक टन है। यह गया, जमुई और बांका जिले में मिलता है।
मैग्नेटाइट पत्थर का कुल भण्डार 9.59 हजार मीट्रिक टन है। यह पहाड़ी क्षेत्र में मिलता है।

सोना अयस्क यहाँ बहुत अल्पमात्रा में दक्षिणी बिहार की नदियों के बालू की रेत के साथ मिलता है जिसमें सोना धातु की मात्रा 0.1 से 0.6 ग्राम प्रतिटन प्राप्त होता है। ऐसे सोना अयस्क का कुल भंडार 128.88 मीट्रिक टन है। बिहार में इसका वाणिज्यिक उत्पादन नहीं है।

 

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प्रश्न 2.
बिहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कीजिए और किसी एक स्रोत का विस्तार से चर्चा कीजिए।
उत्तर-
बिहार में ऊर्जा का कोई भी स्रोत विकसित नहीं है। इस क्षेत्र में कुछ इकाई विकसित भी है तो वह परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में तापीय विद्युत केन्द्र है।
बिहार में तापीय विद्युत के मुख्य केन्द्र कहलगाँव, कांटी और बरौनी में स्थित है।
कहलगांव की उत्पादन क्षमता 840 मेगावाट है, कांटी की उत्पादन क्षमता 120 मेगावाट और बरौनी की 145 मेगावाट है।

बाढ़ और नवीनगर तापीय विद्युत केन्द्र निर्माणाधीन हैं।
यहाँ सोन, गंडक और कोसी तीन प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं भी हैं जिनसे 44.10 मेगावाट जल विद्युत उत्पन्न हो रहा है। कुछ योजनाएं प्रस्तावित भी हैं।
गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों में बायोगैस, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की संभावनाएं हैं परन्तु विकसित नहीं है।
बायोगैस के अबतक 1.25 लाख संयंत्र ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जा चुके हैं।

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