उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg aur Pratyay notes)

youtube channel
whatsapp group

उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg aur Pratyay notes)

Upsarg aur Pratyay notes

उपसर्ग वे  शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पहले जोड़े जाते हैं ताकि उसके अर्थ में बदलाव किया जा सके। ये शब्द के मूल अर्थ को बदलते हैं या उसे विशेष बनाते हैं।

     हिंदी ब्याकरण में कुल 21 उपसर्ग होते है 

Sr. उपसर्ग उपसर्ग से बने शब्द
1 अति   अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त
2 अधि    अधिनायक, अधिकृत, अध्यक्ष, अध्ययन
3 अनु   अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभव
4 अप अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन
5 अभि   अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोग
6 अव     अवनति,  अवशेष, अवज्ञा, अवरोहण
7 आ   आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्म
8 उत्  उत्पत्ति,  उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उन्नत, उल्लेख
9 उप   उपवन, उपमन्त्री, उपयोग, उपनाम, उपहार
10 दुर्    दुराग्रह, दुर्गुण, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग
11 दुस्   दुश्शासन, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्य
12 नि निडर, निगम, निवास, निषेध, निबन्ध, निषिद्ध
13 निस्    निश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्म, निष्पाप, निष्फल
14 निर् निराकार, निरादर, नीरोग, नीरस, निरीह, निरक्षर
15 प्र    प्रकार, प्रबल, प्रयोग, प्रसार, प्रहार, प्रचार
16 परा  पराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, परावर्तन, 
17 परि परिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परित्याग, परिकल्पना 
18 प्रति प्रतिदिन,  प्रतिलोम , प्रतिहिंसा, प्रतिध्वनि
19 वि  विहार, विख्यात, विकास, विजय , विकल्प
20 सु   सुपुत्र, सुमन,सुदिन, सुसंगत, सुशील
21 सम्  संगठन,समकोण, संकल्प, संशय, समतल

 

उपसर्ग उपसर्ग से बने शब्द
ला लावारिस, लाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापता, लाइलाज
बद   बदसूरत, बदनाम, बददिमाग, बदबू, बदकिस्मत
बे बेकाम, बेअसर, बेरहम, बेईमान, बेरहम, बेगम 
कम कमबख्त, कमज़ोर, कमदिमाग, कमअक्ल, कमउम्र
ग़ैर गैरकानूनी, गैरजरूरी, ग़ैरहाज़िर, गैरसरकारी,
ना नाराज, नालायक, नामुमकिन, नादान
खुश   खुशनुमा, खुशगवार, खुशमिज़ाज, खुशनसीब, खुशदिल
हम हमउम्र, हमदर्दी, हमराज, हमपेशा, हमदर्द
ऐन  ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐनमौके
सर सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार, सरदर्द
बेश  बेशकीमती, बेशुमार, बेशक्ल, बेशऊर
बा बाकायदा, बाइज्जत, बामौक़ा
अल अलबत्ता, अलविदा, अलसुबह, अलगरज, अलफाज

प्रत्यय की परिभाषा क्या है?

प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है- पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहां ‘आलू’ शब्दांश प्रत्यय है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है। प्रत्यय के दो भेद हैं-

कृत् प्रत्यय

वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत (कृत्+अंत) शब्द कहलाते हैं। जैसे- लेख् + अक = लेखक। यहां अक कृत् प्रत्यय है, तथा लेखक कृदंत शब्द है। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैंः

Upsarg aur Pratyay notes

क्रम प्रत्यय उदाहरण
अक  लेखक, पाठक, कारक, गायक
अन  पालन, सहन, नयन, चरण
अना  घटना, तुलना, वन्दना, वेदना
अनीय  माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय
आ  खा, भूला, जागा, पूजा, इच्छा, भिक्षा
आई  लड़ाई, सिलाई, पढ़ाई, चढ़ाई
आन  उड़ान, मिलान, दौड़ान
इ  हरि, गिरि, दाशरथि, माली
इया  छलिया, जड़िया, बढ़िया, घटिया
10  इत  पठित, व्यथित, फलित, पुष्पित

तद्धित प्रत्यय

वे प्रत्यय जो धातु को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम व विशेषण में जुड़ते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। तद्धित प्रत्यय से बने शब्द तद्धितांत शब्द कहलाते हैं। चलिए देखते हैं उपसर्ग और प्रत्यय के इस ब्लॉग में जैसे- सेठ + आनी = सेठानी। यहां आनी तद्धित प्रत्यय हैं तथा सेठानी तद्धितांत शब्द हैं। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैंः

क्रम प्रत्यय उदाहरण
आइन पण्डिताइन, ठकुराइन
आनी सेठानी, नौकरानी, महरानी
आयत बहुतायत, पंचायत, अपनायत
आर/आरा  लोहार, सुनार, दूधार, चमार
आहट चिकनाहट, घबराहट, चिल्लाहट, कड़वाहट
सुन्दरी, बोली, पक्षी, खेती, ढोलकी, तेली, देहाती, शहरी

Upsarg aur Pratyay notes

youtube channel
Whatsapp Channel
Telegram channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top