Bihar Board Class 9th Sanskrit Solutions Notes पीयूषम् प्रथमो भाग: (भाग 1)

Bihar Board Class 9th Sanskrit Solutions Notes पीयूषम् प्रथमो भाग: (भाग 1)
1. एकपदेन उत्तरं वदत (एक शब्द में उत्तर दीजिए)
(क) ईश्वरात् काः निवर्तन्ते? (ईश्वर से क्या लौट जाता है?)
उत्तर: वाचः (वाणी)
(ख) केन सह ताः निवर्तन्ते? (किसके साथ वह लौट जाता है?)
उत्तर: मनसा (मन के साथ)
(ग) ब्रह्मणः किं स्वरूपम्? (ब्रह्म का स्वरूप क्या है?)

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उत्तर: आनन्दम् (आनंद)
(घ) कः न बिभेति? (कौन नहीं डरता?)
उत्तर: विद्वान् (जानने वाला)
(ङ) तमसः कुत्र गन्तुमिच्छति? (अंधेरे से कहाँ जाना चाहता है?)
उत्तर: ज्योतिः (प्रकाश की ओर)
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2. एतानि पद्यानि एकपदेन मौखिक रूपेण पूरयत (इन छंदों को एक शब्द में मौखिक रूप से पूरा कीजिए)

(क) यतो वाचो……….
उत्तर: निवर्तन्ते (लौट जाती है)
(ख) आनंद ब्रह्मणो……….
उत्तर: विद्वान् (जानने वाला)
(ग) सर्वभूतेषु……….
उत्तर: गूढः (छिपा हुआ)

(घ) केवलो……….
उत्तर: निर्गुणश्च (निर्गुण भी)
(ङ) त्वमस्य विश्वस्य परं……….
उत्तर: निधानम् (आश्रय)
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3. एतेषां पदानां अर्थ वदत (इन शब्दों के अर्थ बताइए)
उत्तर:
  • विद्वान् = जानने वाला, पंडित (जो ज्ञान रखता हो)
  • गूढः = छिपा हुआ (जो दिखाई न दे)
  • बिभेति = डरता है (भयभीत होता है)
  • कुतश्चन = किसी से भी (किसी भी कारण से)
  • ततम् = व्याप्त (चारों ओर फैला हुआ)
4. स्वस्मृत्या काञ्चित् संस्कृतप्रार्थनां श्रावयत (अपनी स्मृति से कोई संस्कृत प्रार्थना सुनाइए)

उत्तर:
त्वमेव माता च पिता त्वमेव (तू ही माता है और तू ही पिता है)
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव (तू ही बंधु है और तू ही मित्र है)
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव (तू ही विद्या है और तू ही धन है)
त्वमेव सर्वं मम देव देव (तू ही मेरे लिए सब कुछ है, हे देवों के देव)
अभ्यासः (लिखितः)
1.संधिविच्छेदं कुरुत (संधि-विच्छेद कीजिए)

उत्तर:
(क) कुतश्चन = कुतः + चन
(ख) ज्योतिर्गमय = ज्योतिः + गमय
(ग) वेत्तासि = वेत्ता + असि
(घ) नमोऽस्तु = नमः + अस्तु
(ङ) ततोऽसि = ततः + असि

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2. प्रकृति-प्रत्यय-विच्छेदं कुरुत (प्रकृति-प्रत्यय विच्छेद कीजिए)
उत्तर:
(क) अप्राप्य = अ + प्राप् + ल्यप्
(ख) विद्वान् = विद् + शतृ
(ग) गूढः = गुह् + क्त
(घ) ततम् = तत् + क्त

(ङ) वेद्यम् = विद् + ण्यत्
3. समासविग्रहं कुरुत (समास-विग्रह कीजिए)
उत्तर:
(क) सर्वभूतेषु = सर्वं भूतानि तेषु (सभी प्राणियों में)
(ख) कर्माध्यक्षः = कर्मणाम् अध्यक्षः (कर्मों का अध्यक्ष)
(ग) अनन्तरूपः = अनन्तं रूपं यस्य सः (जिसके अनंत रूप हैं)

(घ) सर्वभूताधिवासः = सर्वं भूतानाम् अधिवासः (सभी प्राणियों का निवास)
(ङ) अमितविक्रमः = अमितः विक्रमः (असीम पराक्रम वाला)

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4. रिक्त स्थानानि पूरयत (रिक्त स्थान पूर्ण कीजिए)
(क) ………. मा सद्गमय।
उत्तर: असतो
(असत् से मुझे सत् की ओर ले जा)
(ख) तमसो मा ………. गमय।
उत्तर: ज्योतिर्गमय
(अंधेरे से मुझे प्रकाश की ओर ले जा)
(ग) नमः ………. पुरस्तादथ पृष्ठतस्ते।
उत्तर: पुरस्तात्
(आगे और पीछे तुझे नमस्ते)
(घ) वेत्तासि ………. च ………. च धाम।
उत्तर: वेद्यम् / परम्
(तू जानता है वेद्य और परम धाम को)
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5. अधोनिर्दिष्टानां पदानां स्ववाक्येषु प्रयोगं कुरुत (नीचे दिए गए शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए)
उत्तर:
(क) बिभेति = बालकः सर्पात् बिभेति। (बच्चा साँप से डरता है।)
(ख) निवर्तते = विद्यार्थी गृहात् निवर्तते। (विद्यार्थी घर से लौटता है।)
(ग) वेत्ता = ईश्वरः सर्वं वेत्ता। (ईश्वर सब कुछ जानता है।)
(घ) सर्वतः = ग्रामं सर्वतः वृक्षाः संनाधति। (गाँव को चारों ओर से वृक्ष घेरे हुए हैं।)
(ङ) नमः = गणेशाय नमः। (गणेश जी को नमस्ते।)

 

 

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