class 12th physics chapter 1 subjective
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1. किसी एकल आवेश के लिए सम विभव पृष्ठ का चित्र बनाये ।
2. परावैद्युत सामर्थ्य से क्या समझते है ?
उत्तर- किसी परावैद्युत पदार्थ का परावैद्युत सामर्थ्य विद्युत क्षेत्र की प्रबलता का वह उच्चतम मान है जिसे वह पदार्थ भंजन हुए बिना सहन कर सकता है। सामान्य दाब पर शुष्क वायु का परावैद्युत सामर्थ्य लगभग 3×106 v/m की कोटि का होता है।3. C धारिता वाले संधारित्र को V विभव तक आवेशित किया गया है। इसकी विद्युत ऊर्जा क्या है ? [BSEB, 2020 (A)]
उत्तर- यदि C धारिता वाले संघारित्र को V विभव तक आवेशित किया गया है हो, तो इसकी विद्युत ऊर्जा U=CV2 2
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उत्तर-आवेश संरक्षण का सिद्धांत इस सिद्धांत के अनुसार, “”किसी विलगित निकाय के भीतर का कुल आवेश स्थिर रहता है”। उदाहरण के लिए जब काँच की छड़ को रेशम से रगड़ा जाता है जो जितना धन आवेश काँच पर उत्पन्न होता है, उतना ही ऋण आवेश रेशम पर उत्पन्न होता है। यहाँ आवेश का केवल पुनर्वितरण होता है। यह एक सार्वत्रिक नियम है।
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5. दो असमान आवेशों के बीच विद्युत बल रेखाओं को दिखाएँ।उत्तर :
6. गॉस के नियम का उपयोग कर कूलम्ब का नियम प्राप्त करें।
उत्तर: माना कि +q आवेश किसी बिंदु ‘O’ पर स्थित है। इस बिंदु से दूरी पर P E एक बिंदु ‘P’ लिया गया तथा इस बिंदु 0 को लेते हुए एक गॉसीय गोलीय सतह की कल्पना की गई जिसकी त्रिज्या है। अब, इस गोलीय सतह का एक अल्पांशीय क्षेत्र ‘ds’ लिया गया। अतः इस अल्पांशीय क्षेत्र ‘ds’ से होकर गुजरने वाला विद्युतीय फ्लक्स do = E.ds. cos 0 = E.ds …(i)
.. पूरे बंद गोलीय सतह से होकर गुजरने वाला कुल विद्युतीय फ्लक्स
φ = Ε Χ 4πι2
अब, गॉस के प्रमेय से, किसी बंद सतह से गुजरने वाला कुल विद्युतीय फ्लक्स 1 Q = -x बंद तल के भीतर स्थित आवेश =xq E समी, (ii) एवं (iii) से Εx 4πr² = 1×4 1 Ε= 4περ …(ii) … (iii) …(iv) विद्युतीय तीव्रता एकांक धनावेश पर लगने वाला विद्युतीय बल है। यदि एकांक आवेश के स्थान पर आवेश १’ रख दिया जाए तो दोनों आवेशों के बीच लगने वाला विद्युतीय बल: F= 1 qq
समी (v) ही कूलम्ब का नियम है।
उत्तर विद्युत आवेश – विद्युत आवेश वह भौतिक राशि है जिसके कारण पदार्थ में विद्युत तथा उससे संबंधित प्रभाव उत्पन्न होते हैं। इसके दो गुण निम्नलिखित हैं:
(1) आवेश योगात्मक होते हैं। (2) आवेश संरक्षित होते हैं।
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8. दो विद्युत क्षेत्र रेखाएँ क्यों एक-दूसरे को काट नहीं सकती है? क्या दो समविभव सतह काट सकती है?
उत्तर- यदि दो विद्युत बल रेखाएँ एक बिन्दु एक एक-दूसरे को काटती है, तो उस बिन्दु पर दो स्पर्श रेखाएँ होंगी। अतः उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएँ होंगी जोकि असंभव है।
उत्तर-संधारित्र के दो उपयोग: (i) ऊर्जा संचायक के रूप में (ii) इलेक्ट्रॉनिक परिपथों के रूप में।10. आवेश के क्वांटीकरण से क्या समझते हैं ?
उत्तर- आवेश का क्वांटीकरण – किसी आवेशित वस्तु पर स्थित आवेश हमेशा इलेक्ट्रॉनिक आवेश का पूर्ण गुणज होता है। अर्थात् किसी वस्तु पर आवेश Q= ne जहाँ = इलेक्ट्रॉनिक आवेश 1.6 × 10-19 कूलॉम इसे ही आवेश का क्वांटीकरण कहा जाता है।
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11. विद्युत बल के लिए कुलम्ब के नियम का सदिश संकेत को व्यक्त करें।
उत्तर- यदि दो स्थिर आवेश 41 तथा ५२ एक दूसरे से दूरी पर स्थित हो, तो आवेश 41 के कारण 42 पर आरोपित विद्युत बल F19192 4περ. 12 …
जहाँ 12 = 91 से 92 की दिशा में एकांक सदिश इसी प्रकार आवेश 42 के कारण 41 पर आरोपित विद्युत बल F2=9192. 4 περ. 12121 जहाँ #21 = 92 से 91 की दिशा में एकांक सदिश समी. (i) एवं (ii) कूलम्ब के नियम का सदिश स्वरूप है। … (ii) समी. (ii) से, 19192(-12) περ समी. (i) एवं (iii) से, … (iii) … (iv) समी. (iv) से स्पष्ट है कि कूलम्ब का नियम न्यूटन के तीसरे नियम का पालन करता है।
12. कूलम्व के नियम की सीमाएँ क्या है ? [BSEB, 2010]
उत्तर-कूलम्ब के नियम की निम्नलिखित सीमाएँ हैं:
(i) यह नियम केवल विन्दु आवेशों के लिए सत्य है।
(ii) यह नियम केवल स्थिर आवेशों के लिए ही लागू होता है।
(iii) यह नियम 10-14 m से कम दूरी के लिए लागू नहीं होता है।
13. मुक्त आकाश की विद्युतशीलता का मात्रक एवं विमीय सूत्र लिखें।
[BSEB, 2018 (A)]उत्तर- मुक्त आकाश की विद्युत शीलता का S.I. मात्रक = Farad/Metre (फैराड/मीटर) एवं विमीय सूत्र = M-L-2TA2
14. वायुमंडल वैद्युत उदासीन नहीं होता है। क्यों ? [BSEB, 2018 (A)] उत्तर- वायुमंडल में मुख्यतः नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस होता है एवं इसके अलावा कार्बन डाईऑक्साइड, जलवाष्प, हाइड्रोकार्बन, सल्फर के यौगिक तथा धूलकण होते हैं। सूर्य की किरणे में यौगिक कणों तथा धूल कण होते है। सूर्य की किरणे यौगिक कणों तथा धूलकणों से टकराकर इन्हें आयनीकृत कर देती है। अतः वायुमंडल विद्युत उदासीन नहीं होता है।
15. विद्युतीय द्विध्रुव पर क्रियाशील बल आघूर्ण का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर- माना कि SN एक विद्युतीय द्विध्रुव है जिसका द्विध्रुव आघूर्ण Pहै।
यदि विद्युतीय द्विध्रुव, विद्युतीय क्षेत्र की दिशा से कोण से विक्षेपित कर दिया जाए तो इसके आवेशों पर क्रियाशील बल परस्पर बराबर, समानांतर तथा विपरित होंगे और इस प्रकार में एक बल युग्म की रचना करेंगे। अतः इस बलयुग्म का आघूर्ण अर्थात् बल आघूर्ण (t) = कोई एक बल दोनों बलों के बीच की लाम्बिक दूरी = qE x MN ⇒ ог, = qE x 21 sin (q x 2) (E sin ) = PE sin 0) t = pe sin 0 t=PxE (2) समी. (1) एवं (2) द्विध्रुव पर क्रियाशील बल आघूर्ण का व्यंजक है।
…(1)
16. द्विध्रुव के स्थायी संतुलन एवं अस्थायी संतुलन से क्या समझाते हैं?
उत्तर- विद्युतीय द्विध्रुव की न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा अर्थात् 0 = 0° की स्थिति में द्विध्रुव को स्थायी संतुलन में कहा जाता है। विद्युतीय द्विध्रुव की महत्तम स्थितिज ऊर्जा अर्थात् 0 = 180% की स्थिति में द्विध्रुव को अस्थायी संतुलन में कहा जाता है।
17 संधारित्र से क्या समझते हैं ? इसकी धारिता को भी वतायें । अधवा, संधारित्र की धारिता से आप क्या समझते हैं ? [BSEB, 2019 C)
उत्तर- संधारित्र-वैसी व्यवस्था जिसमे एक विद्युतरोधी आवेशित चालक के निकट एक भूधृत चालक लाने से, पहले वाले चालक की धारिता कृत्रिम रूप से बढ़ जाती है, संधारित्र कहते हैं। संधारित्र को धारिता किसी संधारित्र की विद्युत धारिता संख्यात्मक रूप से उस आवेश का वह परिमाण है, जिसे संधारित्र के दोनों प्लेटों के बीच एकांक विभवांतर उत्पन्न होता है। यदि संधारित्र की संग्राहक प्लेट पर ‘Q’ आवेश देने पर दोनों प्लेटों के बीच V विभवांतर उत्पन्न हो जाता है तो संधारित्र की धारिता Q (C) =
18. विद्युत क्षेत्र के लिए अध्यारोपण का सिद्धांत क्या है ?
[BSEB, 2010] उत्तर- अध्यारोपण का सिद्धांत- किसी आवेश पर अन्य अनेक आवेशों के कारण आरोपित परिणामी विद्युत बल उस आवेश पर अन्य सभी आवेशों द्वारा लगे बलों के सदिश योगफल के बराबर होता है। यदि किसी आवेश के निकट 91, 92, 93. आवेश स्थित हो, तो Q पर इन आवेशों के कारण विद्युत बल क्रमशः ….. हो, तो आवेश पर क्रियाशील बल P=+++… यही अध्यारोपण का सिद्धांत है।
19. विद्युतीय तीव्रता एवं विद्युत विभव से क्या समझते हैं ? [BSEB, 2022 (A)] अथवा, विद्युत क्षेत्र की तीव्रता से आप क्या समझते है ? [BSEB,2020 (A))
उत्तर- विद्युतीय तीव्रता – एकांक धनावेश पर लगनेवाले विद्युतीय (Electric Intensity) बल को विद्युतीय तीव्रता कहा जाता है। यदि 4 आवेश पर लगने वाला बल हो, तो विद्युतीय तीव्रता E = F 9 विद्युतीय तीव्रता एक सदिश राशि है जिसका S.I. मात्रक एवं विमीय N सूत्र तथा MLT-3 A-1 होता है। C
विद्युतीय विभव- एकांक धनावेश को अनंत से किसी बिंदु (Electric Potential) तक ले जाने में संपादित कार्य विद्युतीय विभव कहलाता है। इसे ‘V’ द्वारा सूचित किया जात है। यदि १ आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में संपादित कार्य ‘w’ हो, तो विद्युतीय विभव (v) = W
विद्युतीय विभव एक अदिश राशि है, जिसका मात्रक जूल/कूलम्ब होता है।
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matric exam
