रोज
लेखक- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय
लेखक परिचय
जन्म-7 मार्च 1911 निधन- 04 अप्रैल 1987
जन्म स्थान – कसेया कुशीनगर, उत्तरप्रदेश
माता-पिता- व्यंती देवी और डॉ हीरानंद शास्त्री (प्रख्यात पुरातत्ववेता)
शिक्षा- आरंभिक शिक्षा घर पर, 1925 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक, 1927 में मद्रास क्रिश्चयन कॉलेज से इंटर, 1929 में फोरमन कॉलेज, लाहौर से बी.ए, एम.ए लाहौर से
भाषा ज्ञान- संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी के अतिरिक्त फारसी, तमिल इत्यादि अनेक भाषाओं के जानकार
अभिरुचि- बागवानी, पर्यटन, फोटोग्राफी, हस्तकला, शिल्पकला इत्यादि में प्रवीण।
सम्मान – साहित्य अकादमी, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार।
रवीन्द्र नाथ ठाकुर के ‘गोरा’ का हिन्दी अनुवाद अज्ञेय जी ने ही किया है। इन्होंने दस वर्ष की अवस्था में कविता लिखनी शुरू कर दी थी।
कक्षा 12 हिन्दी रोज | Roj class 12 hindi
पाठ परिचय
प्रस्तुत कहानी रोज अज्ञेय द्वारा लिखी गई सर्वाधिक चर्चित कहानी है जिसमें लेखक ने वातावरण परिस्थिति और उसके प्रभाव में ढ़लती एक गृहिणी का चित्रण किया है। इस कहानी की प्रमुख पात्र मालती है जो लेखक के दूर के रिश्ते की बहन है। मालती से मिलने के लिए लेखक पैदल चलकर उसके घर पहुँचता है। लेखक मालती को सखी कहना पसंद करते है क्योंकि उन्होंने मालती के साथ बचपन बिताया है। बचपन में वह वाचाल तथा चंचल थी। आज मालती विवाहिता है तथा एक बच्चे की माँ है। लेखक महसूस करता है कि वह कुछ कहना चाहती है लेकिन कुछ कह नहीं पाती है। मालती का जीवन ग्रैग्रीन रोग के समान हो गया था जिसका ऑपरेशन उसका पति करता था | पूरे दिन काम करना, बच्चे की देखभाल करना और पति का इंतज़ार करना इतने में ही उसका जीवन सिमट के रह गया था।
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लेखक ने एक गृहिणी पर पड़ने वाले प्रभाव को बड़ी ही कुशलता के साथ व्यक्त किया है। उसके पति के काम पे चले जाने के बाद पूरा दिन मालती को घर में अकेले ही बिताना पड़ता था। उसका पुत्र बीमार तथा दुर्बल था जो हर समय रोता रहता था या सोता रहता था। मालती अपने आप को घर के कार्यों तथा शिशु के देखभाल में सुबह से रात 11 बजे तक व्यस्त रखती थी ऐसा लग रहा था जैसे इस उबाऊ और उदासी भरे जीवन को वो ढो रही हो।
इस प्रकार लेखक ने मध्यमवर्गीय भारतीय समाज में घरेलू स्त्री के जीवन और मनोदशा को दिखाने का प्रयास किया है।