वैश्वीकरण (6)

वैश्वीकरण (6)

Whatsapp Group
youtube

वैश्वीकरण (6)

Bihar Board Class 10 Economics वैश्वीकरण Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

I. सही विकल्प चुनें।

वैश्वीकरण में किसका मुक्त प्रवाह Bihar Board प्रश्न 1.
नई आथिक नीति में किसे सम्मिलित किया गया?
(क) उदारीकरण
(ख) निजीकरण
(ग) वैश्वीकरण
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(ग) वैश्वीकरण

 

वैश्वीकरण (6)

वैश्वीकरण में किसका मुख्य प्रभाव Bihar Board  प्रश्न 2.
वैश्वीकरण के मुख्य अंग कितने हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) पाँच
(घ) चार
उत्तर-
(ग) पाँच

वैश्वीकरण (6)

वैश्वीकरण (6)

वैश्वीकरण क्या है Class 10 Bihar Board प्रश्न 3.

इनमें से कौन बहुराष्ट्रीय कंपनी है ?
(क) फोर्ड मोटर्स
(ख) सैमसंग
(ग) कोका कोला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(घ) इनमें से कोई नहीं

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 4.
वैश्वीकरण का अर्थ है ?
(क) विदेशी पूँजी एवं विनियोग पर रोक
(ख) व्यापार, पूँजी, तकनीक हस्तांतरण, सूचना प्रवाह द्वारा देश की अर्थव्यवस्था का विश्व अर्थव्यवस्था के साथ समन्वय
(ग) सरकारीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाना
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर-
(ख) व्यापार, पूँजी, तकनीक हस्तांतरण, सूचना प्रवाह द्वारा देश की अर्थव्यवस्था का विश्व अर्थव्यवस्था के साथ समन्वय

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 5.
पारले समूह के ‘थम्स अप’ ब्रांड को किस बहुराष्ट्रीय कंपनी ने खरीद लिया ?
(क) कोका कोला
(ख) एल. जी.
(ग) रिबॉक
(घ) नोकिया
उत्तर-
(क) कोका कोला

 

वैश्वीकरण (6)

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

1. वैश्वीकरण का अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था का …………… अर्थव्यवस्था के साथ समन्वया
2. व्यापार, पूँजी, तकनीक, हस्तांतरण, सूचना प्रवाह के माध्यम से ……… को बढ़ावा मिलता है।
3. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में ……………. भूमिका निभा रही हैं।
4. विदेशी व्यापार विश्व के देशों के बाजारों को …………. का कार्य करते हैं।
5. W.T.O.(World Trade Organisation) की स्थापना सन् ………….. में की गई।
उत्तर-
1. विश्व,
2. वैश्वीकरण,
3. मुख्य,
4. जोड़ने,
5. 1995.

वैश्वीकरण (6)

वैश्वीकरण (6)

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
वैश्वीकरण वह प्रक्रिया वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय या एकीकरण किया जाता है ताकि वस्तुओं एवं सेवाओं; प्रौद्योगिकी, पूँजी और श्रम या मानवीय पूंजी का भी निर्बाध प्रवाह हो सके। वैश्वीकरण के अन्तर्गत पूंजी वस्तु तथा प्रौद्योगिकी . का निर्बाध रूप से एक दूसरे देश में प्रवाह होता है। इसको स्पष्ट करते हुए बैंकों मिलनोवीक ने कहा है-“वैश्वीकरण का अर्थ पूँजी, वस्तु, प्रौद्योगिकी एवं लोगों के विचार का स्वतंत्र प्रवाह होता है। कोई भी ऐसा वैश्वीकरण आशिक ही माना जाएगा जिसमें मानवीय सम्पदा के प्रवाह में रुकावट आये।” अर्थात् वैश्वीकरण के अन्तर्गत वस्तुओं के साथ-साथ पूंजी, तकनीक एवं । सेवाओं का भी एक देश से दूसरे देश के बीच बिना किसी रुकावट के प्रवाह होता है। वैश्वीकरण के कारण ही विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं, पूंजी और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है। दुनिया के देश एवं लोग एक-दूसरे के अपेक्षाकृत अधिक सम्पर्क में आये हैं।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 2.
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किसको कहते हैं ?
उत्तर-
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वे हैं, जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती हैं। जैसे—फोर्ड मोटर्स, सैमसंग, कोका कोला, नोकिया, इंफोसिस, टाटा मोटर्स आदि।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 3.
विश्व व्यापार संगठन क्या है ? यह कब और क्यों स्थापित किया गया ?
उत्तर-
विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और देखता है कि इन नियमों का पालन है। विश्व व्यापार संगठन सभी देशों को मुक्त व्यापार की सुविधा देता है। विश्व व्यापार संगठन की स्थापना जनवरी 1995 में उपर्युक्त उद्देश्यों से की गई थी।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 4.
भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
भारत ने सन् 1991 में कुछ नई नीतियों को अपनाया जिसे नई आर्थिक नीति कहा जाता है। इस नई आर्थिक नीति में व्यापक आर्थिक सुधारों को सम्मिलित किया गया है। भारत में आर्थिक सुधारों का मतलब उन नीतियों से है जिनका प्रारंभ 1991 में आर्थिक व्यवस्था की शक्ति के स्तरों में वृद्धि करने के दृष्टिकोण से किया गया है। ये आर्थिक सुधार उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित हैं। अतः इन्हें हम एल.पी.जी. नीति भी कहते हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि आर्थिक सुधारों को हम नई आर्थिक नीति (New Economic Policy) के नाम से भी पुकारते हैं।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 5.
उदारीकरण को परिभाषित करें।
उत्तर-
सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों जैसे- लाइसेंस, कोटा आदि को हटाना उदारीकरण है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत सन् 1991 में भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनायी।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 6.
निजीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
निजीकरण का अभिप्राय, निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंध करना है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत भारत सरकार में सन् 1991 से निजीकरण की नीति अपनायी।

 

वैश्वीकरण (6)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा किसी देश में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के निर्णय पर किन बातों का प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी द्वारा किसी क्षेत्र में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के निर्माण पर निम्नलिखित बातों का प्रभाव पड़ता है सस्ते श्रम, सस्ता कच्चा माल, उपभोक्ता बाजार एवं अन्य संसाधन।

कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी लाभ कमाने की दृष्टि से ही किसी अन्य देश में अपनी उत्पादन इकाई लगाती है, अतः वह सर्वप्रथम यह देखती है कि अमुक देश में सस्ते दर पर श्रमिक उपलब्ध हैं या नहीं। जहाँ सस्ते श्रमिक उपलब्ध होंगे वहाँ की वह अपनी इकाई लगायेगी।

दूसरी बात जो बहुराष्ट्रीय कंपनी के निर्णय को प्रभावित करनी है, वह है सस्ता कच्चा माल। जिस देश के बहुराष्ट्रीय कंपनी की इकाई में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की प्रचुरता होगी और सस्ते में उपलब्ध होंगे वहाँ की वह अपनी इकाई लगायेगी।

तीसरी चीज है बाजार। बहुराष्ट्रीय कंपनी यह देखती है कि जिस इकाई को वह लगाने जा रही है उसके उत्पाद के उपभोक्ता उस देश में काफी संख्या में हैं। अतः वहाँ ही वह अपनी इकाई लगाती है। यदि उपभोक्ता ही न मिले तो उत्पादन किसके लिए होगा।

इनके अतिरिक्त अन्य संसाधनों की उपलब्धता पर भी बहुराष्ट्रीय कंपनी ध्यान देती है जैसे यातायात, शक्ति उस देश के लोगों का जीवन स्तर पर्यावरण आदि।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 2.
वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभावों को बतायें।
उत्तर-
वैश्वीकरण के कारण बिहार का आर्थिक परिवेश भी बदलता जा रहा है। आर्थिक विकास के लिए अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी अधिक पूंजीनिवेश की आवश्यकता है। वैश्वीकरण का बिहार के जनजीवन पर न केवल सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं बल्कि इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी है जिसे हम निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं।

सकारात्मक प्रभाव –

1. कृषि उत्पादन में वृद्धि-वैश्वीकरण के बाद बिहार के कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बिहार में खाद्यान्नों का उत्पादन 1977-78 में 102 लाख टन था जो 1996-97 में बढ़कर 141 लाख टन हो गया। इसी तरह 1980-83 की अवधि में बिहार में प्रति हेक्टेयर फसलों का औसत मूल्य 3,680 रु. या जो 1992-95 की अवधि में बढ़कर 5,678 रु. हो गया।

2.निर्यातों में वृद्धि वैश्वीकरण के फलस्वरूप बिहार से किये गये निर्यातों में वृद्धि हुई है। इन निर्यातों में कुछ खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों का निर्यात, कुटीर तथा लघु उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का निर्यात तथा फलों का निर्यात शामिल है। फलों के निर्यात के अन्तर्गत बिहार लीची, आम तथा मखाना के लिए प्रसिद्ध है।

3. विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग की प्राप्ति-वैश्वीकरण के फलस्वरूप बिहार में विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग भी हुआ है और विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग के लिए काफी दिलचस्पी दिखायी गयी है। इससे भविष्य में विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग में काफी वृद्धि की आशा की जा सकती है।

4.शुद्ध राज्य घरेलू उत्पादन तथा प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पादन में वृद्धि-वैश्वीकरण के फलस्वरूप चालू मूल्यों पर राज्य के शुद्ध घरेलू उत्पादन तथा प्रति व्यक्ति शुद्ध घरेलू उत्पादन में वृद्धि हुई है। दूसरे शब्दों में इस अवधि में राज्य की कुल आय तथा प्रति व्यक्तिआय में वृद्धि हुई है।

5.निर्धनता में कमी-वश्वीकरण के पश्चात् राज्य में निर्धनता में उल्लेखनीय कमी हुई है। बिहार में निर्धनता की रेखा से नीचे आनेवाली जनसंख्या 1993-94 में 54.96 थी जो 1999-2000 में घटकर, 42.60% हो गयी।

6. विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता वैश्वीकरण के कारण बिहार के बाजारों में विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तुएं उपलब्ध हो गयी हैं। विभिन्न बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मोबाईल फोन, जूते, रेडिमेड वस्त्र आदि अब बिहार के बाजारों में भी उपलब्ध हैं।

7.रोजगार के अवसरों में वृद्धि–वैश्वीकरण के फलस्वरूप रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त लोगों के लिए विदेशों तथा देश के अन्य भागों में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हुए हैं। वैश्वीकरण का ही प्रभाव है कि बिहार के बहुत सारे सॉफ्टवेयर इंजीनियर आज विदेशों में नौकरी कर रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका एवं इंग्लैंड में बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौकरी कर रहे हैं।

8. बहुराष्ट्रीय बैंक एवं बीमा कम्पनियों का आगमन-वैश्वीकरण का ही प्रभाव है कि बिहार में बहुराष्ट्रीय बैंकों जैसे HSBC बैंक आदि का आगमन हुआ। बिहार में बहुराष्ट्रीय बीमा कम्पनियाँ भारतीय कम्पनियों के साथ मिलकर संयुक्त कम्पनी के रूप में उत्तर रही हैं। जैसे बजाज एलियांज, बिरला सनलाइट, टाटा ए. आई. जी., अवीवा आदि।

नकारात्मक प्रभाव:

(i) कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों की उपेक्षा-बाहर एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ बड़े पैमाने पर उद्योग-धंधे काफी कम हैं। राज्य में कृषि पर किया गया निवेश संतोषजनक नहीं है। यहाँ कृषि आधारित उद्योगों के विकास की संभावना काफी है। लेकिन इन उद्योगों में वैश्वीकरण के पश्चात् जितना निवेश होना चाहिए था उतना नहीं हुआ है।

(ii) कटीर एवं लघु उद्योग पर विपरीत प्रभाव-बिहार में बड़े पैमाने के उद्योग-धन्धे कम हैं। यहाँ कुटीर एवं लघु उद्योग ज्यादा हैं। वैश्वीकरण के कारण छोटे पैमाने के उद्योगों जैसे कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग के लिए खतरा हो गया है, क्योंकि उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा निर्मित वस्तुओं का सामना करना पड़ता है जो क्वालिटी में इनसे अच्छी एवं सस्ती होती हैं। जैसे–चीन द्वारा निर्मित खिलौने से हमारा बाजार पट गया है। चीनी खिलौनों ने हमारे कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।

(iii) रोजगार पर विपरीत प्रभाव-चूंकि बिहार में छोटे पैमाने के उद्योग-धंधे ज्यादा हैं । जैसे- कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग आदि। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा निर्मित वस्तुओं के आने से इन उद्योगों की बहुत सारी इकाइयाँ बंद हो गयीं। जिसके चलते बहुत सारे श्रमिक बेरोजगार हो गये।

(iv) आधारभूत संरचना के कम विकास के कारण कम निवेश-बिहार में पूँजी निवेश उतना नहीं हुआ है जितना वैश्वीकरण के फलस्वरूप देश के अन्य राज्यों में हुआ है। इसका कारण है कि बिहार में आधारभूत संरचना की कमी है। यहाँ सड़क, बिजली विश्वस्तरीय होटल एवं हवाई अड्डा की कमी है।

इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि वैश्वीकरण के सकारात्मक अथवा लाभकारी प्रभाव इनके नकारात्मक प्रभाव की तुलना में अधिक वजन रखते हैं। वैश्वीकरण का जो भी प्रभाव पड़ा है उससे बिहार को लाभ ही हुआ है।

 

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 3.
भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर-
भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में निम्नलिखित तर्क इस प्रकार हैं

  1. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहन वैश्वीकरण से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रोत्साहित होगा, जिससे भारत जैसे विकासशील देश अपने विकास के लिए पूँजी प्राप्त कर सकेगा।

  2. प्रतियोगी शक्ति में वृद्धि-वैश्वीकरण की नीति के फलस्वरूप भारत जैसे विकासशील देशों की प्रतियोगी शक्ति में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था का त्वरित विकास हो सकेगा।

  3. नयी प्रौद्योगिकी के प्रयोग में सहायक वैश्वीकरण भारत जैसे विकासशील देशों को विकसित देशों द्वारा तेयार की गई नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग में सहायता प्रदान करता है।

  4. अच्छी उपभोक्ता वस्तुओं की प्राप्ति–वैश्वीकरण भारत जैसे विकासशील देशों को अच्छी-अच्छी गुणवत्ता की उपभोग वसतुओं को सापेक्षतः कम कीमत पर प्राप्त करने के योग्य बनाता है।

  5. नये बाजार तक पहुंचना-वैश्वीकरण के फलस्वरूप भारत जैसे विकासशील देश के लिए दुनिया के बाजारों तक पहुँच का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा।

  6. उत्पादन तथा उत्पादिता के स्तर को उन्नत करना-वैश्वीकरण से ज्ञान का तेजी से प्रसार होता है और इसके परिणामस्वरूप भारत जैसे विकासशील देश अपने उत्पादन और उत्पादिता – के स्तर को उन्नत कर सकते हैं। अतः यह उत्पादिता के अंतर्राष्ट्रीय स्तर प्राप्त करने के लिए गति न करता है।

  7. किंग तथा वित्तीय क्षेत्र में सपार-वैश्वीकरण के फलस्वरूप विश्व के अन्य देशों ‘ के सम्पर्क में आने से बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र की कुशलता में सुधार होगा।

  8. मानवीय पूँजी की क्षमता का विकास- शिक्षा तथा कौशल प्रशिक्षण वैश्वीकरण के प्रमुख घटक हैं। इससे मानवीय विकास को बढ़ावा मिलता है।

वैश्वीकरण (6)

प्रश्न 4.
वैश्वीकरण का आम आदमी पर पड़े प्रभाव की चर्चा करें।
उत्तर-
वैश्वीकरण का आम आदमी पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़े हैं। सर्वप्रथम अच्छा प्रभाव निम्न है

1. उपयोग के आधनिक संसाधनों की उपलब्धता- वैश्वीकरण के कारण दुनिया के सभी देशों के उच्चतम उत्पादन लोगों को उपयोग के लिए उपलब्ध हो गया है। उदाहरण के लिए पहले जहाँ आम आदमी रेडियो से मनोरंजन प्राप्त करता था। अब उनके लिए विभिन्न कंपनियों के रंगीन
टेलीविजन जैसी चीजों की उपलब्धता हो गई है।

2. रोजगार की बढ़ी हई संभावना वैश्वीकरण के कारण नए-नए क्षेत्र खुल गए हैं। जिससे कुशल श्रमिकों के लिए अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो गए हैं।

3. आधुनिक तकनीक की उपलब्धता वैश्वीकरण के कारण विश्व के विकसित देशों के आधुनिक तकनीक अन्य विकासशील देशों में आसानी से उपलब्ध होने लगे हैं। जिससे आम लोगों के लिए आधुनिकतम तकनीक के उपयोग का दरवाजा खुल गया है। सच कहा जाए तो, भारत जैसे विकासशील देश में आम लोगों पर वैश्वीकरण का बुरा प्रभाव ही पड़ा। वैश्वीकरण से आम लोगों पर निम्नलिखित बुरा प्रभाव पड़ा है

1. बेरोजगारी बढ़ने की आशंका- वैश्वीकरण के कारण आधुनिक संयंत्रों से मशीनी उत्पादन को बढ़ावा मिला है, जिसके कारण समाज के.अधिकतम श्रम शक्ति जो अर्द्धकुशल या अकुशल हैं, ऐसे लोगों में बेरोजगारी के बढ़ने की संभावना हो गई है।

2. उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ती हई प्रतियोगिता- विदेशी पूजी एवं विदेशी कंपनियों के बिना किसी प्रतिबंध के आयात होने से आम लोगों में बेरोजगारी फैलने की संभावना बढ़ गई है।

3. श्रम संगठनों पर बरा प्रभाव- श्रमिक संगठनों के द्वारा आम मजदूरों की न्यूनतम माँगों को संगठित रूप से माँग की जाती है जिससे श्रमिकों को सामान्य वेतन एवं सुविधाएं उपलब्ध होने लगती हैं। अब वैश्वीकरण के कारण श्रम कानूनों में लचीलापन आया है जिससे श्रमिक संगठन भी कमजोर हो गया है। इससे आम श्रमिकों को उचित पारिश्रमिक मिलने में कठिनाई आने लगी है।

4. मध्यम एवं छोरे उत्पादकों की कठिनाई- वैश्वीकरण के कारण मध्यम एवं छोटे ‘उत्पादकों के लिए अपने उत्पादन को सक्षम रखने में अनेक कठिनाइयाँ होने लगी हैं। प्रकृति का यह एक सामान्य नियम है कि पानी में बड़ी मछलियाँ छोटी मछलियों को खा जाती हैं। उसी तरह वैश्वीकरण के कारण जो बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ देश में आने लगी हैं, उससे मध्यम और छोटे उद्योग और व्यवसाय के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

5. कषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का संकट वैश्वीकरण के कारण अब देश और विदेश के बड़े-बड़े पूँजीपति फार्म हाऊस बनाने लगे हैं जिसमें कृषि के क्षेत्र में भी अधिक पूंजी निवेश के द्वारा कम श्रम-शक्ति से ही अधिक उत्पादन प्राप्त करने लगे हैं। इस स्थिति में गाँव के मध्यम एवं छोटे श्रेणी के किसानों के लिए अनेक प्रकार के संकट उत्पन्न हो गए हैं। इस प्रकार वैश्वीकरण के आम लोगों पर कुछ अनुकूल एवं अधिक विपरीत प्रभावों को देखने के बाद हम इस निष्कर्ष पर आते हैं कि वैश्वीकरण से आम लोगों को लाभ से अधिक हानि होने की संभावना है। यह सत्य है कि वैश्वीकरण से पूँजी उत्पाद और आय में वृद्धि होगी।

किन्तु वृद्धि का यह लाभ समा के मुट्ठी भर धनी एवं उच्च शिक्षा प्राप्त लोग ही प्राप्त कर सकेंगे। वैश्वीकरण की स्थिति में ऊँ आय के अमीर व्यक्तियों की आय बढ़ती चली जाएगी और 85 प्रतिशत की सर्वाधिक संख्या में आम लोगों का जीवन कठिन हो जाने की संभावना है।

 

वैश्वीकरण (6)
youtube channel
Whatsapp Channel
Telegram channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top