प्रश्न 1. वास्कोडिगामा कहाँ का यात्री था ?
(क) स्पेन
(ख) पुर्तगाल
(ग) इंग्लैण्ड
(घ) अमेरिका
उत्तर-
(ख) पुर्तगाल
प्रश्न 2. यूरोपवासियों ने दिशासूचक यंत्र का प्रयोग किनसे सीखा?
(क) भारत से
(ख) रोम से
(ग) अरबों से
(घ) चीन से
उत्तर-
(ग) अरबों से
प्रश्न 3. उत्तमाशा अंतरीप (Cape of good hope) की खोज किसने की?
(क) कोलम्बस
(ख) वास्कोडिगामा
(ग) मैग्लेन
(घ) डियाज बार्थोलोमियो
उत्तर-
(घ) डियाज बार्थोलोमियो
प्रश्न 4. अमेरिका की खोज किस वर्ष की गई ?
(क) 1453
(ख) 1492
(ग) 1498
(घ) 1519
उत्तर-
(ख) 1492
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प्रश्न 5. कुस्तुनतुनिया का पतन किस वर्ष हुआ?
(क) 1420
(ख) 1453
(ग) 1510
(घ) 1498
उत्तर-
(क) 1420
प्रश्न 6. विश्व का चक्कर किस यात्री ने सर्वप्रथम लगाया ?
(क) मैग्लेन
(ख) कैप्टनं कुक
(ग) वास्कोडिगामा
(घ) मार्कोपोलो
उत्तर-
(क) मैग्लेन
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सही और गलत
प्रश्न 1. भारत के मूल निवासियों को रेड इंडियन कहा जाता है। उत्तर-
गलत
प्रश्न 2. उत्तमाशा अंतरीप की खोज ने भारत तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया। उत्तर-
सही
प्रश्न 3. भारत अटलांटिक महासागर के पूर्वी तट पर स्थित है। उत्तर-
गलत
प्रश्न 4. मोर्कोपोलो ने भारत की खोज की। उत्तर-
गलत
प्रश्न 5. जेरूशलम वर्तमान ‘इजरायल’ में है। उत्तर-
सही
प्रश्न 6. लिस्बन दास-व्यापार का बहुत बड़ा केन्द्र था। उत्तर-
सही
प्रश्न 7. अमेरिगु ने नई दुनिया को विस्तार से खोजा । उत्तर-
सही
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत आने में किस भारतीय व्यापारी ने वास्कोडिगामा की मदद की? उत्तर-
अब्दुल मजीद ने ।
प्रश्न 2. न्यूफाउन्डलैंड का पता किसने लगाया ? उत्तर-
सर जान और सेवास्टिन केवेट ने न्यूफाउन्डलैंड का पता लगाया ।
प्रश्न 3. यूरोपियों द्वारा निर्मित तेज चलने वाले जहाज को क्या कहा जाता था? उत्तर-
केरावल कहा जाता था।
प्रश्न 4. दक्षिण अफ्रिका का दक्षिणतम बिंदु कौन-सा स्थल है ? उत्तर-
दक्षिण अफ्रिका का दक्षिणतम बिन्दु उत्तमाशा अंतरीप (Cape of good hope) है।
प्रश्न 5. 11वीं-12वीं शताब्दी में ईसाई एवं मुसलमानों के बीच धर्मयुद्ध क्यों हुआ था ? उत्तर-
11वीं-12वीं शताब्दी में जेरूशलम पर अधिकार के मुद्दे को लेकर धर्मयुद्ध हुआ था।
प्रश्न 6. 1453 में कस्तुनतुनिया पर किसने आधिपत्य जमाया ? उत्तर-
तुर्की ने।
प्रश्न 7. पुर्तगाल एवं स्पेन किस महासागर के पास अवस्थित हैं ? उत्तर-
पुर्तगाल एवं स्पेन अटलांटिक महासागर के पास अवस्थित है।
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लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. यूरोप में मध्यकाल को अंधकार का युग क्यों कहा जाता है ? उत्तर-
मध्यकालीन यूरोप को अंधकार युग इसलिए कहा गया है कि यह काल सामंती प्रवृत्तियों का काल था। इस काल में न तो व्यापार-वाणिज्य गतिशील था और न ही धर्म का स्वरूप ही मानवीय था। पृथ्वी के बारे । में ज्ञान अत्यल्प था और अंधविश्वास से युक्त था।
प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों में वैज्ञानिक उपकरणों का क्या योगदान था ? उत्तर-
इस काल में हुए नये-नये वैज्ञानिक उपकरणों के आविष्कारों ने समुद्री यात्रा अर्थात् भौगोलिक खोजों को आसान कर दिया। जैसे दिशासूचक यंत्र, दूरबीन तथा मानचित्र के सुधार एवं, नई किस्म के हल्केऔर तेज चाल से चलने वाले जहाज ‘केरावल’ के बनने से भौगोलिक खोज आसान हो गए । इन सभी का बड़ा ही योगदान रहा।
प्रश्न 3. भौगोलिक खोजों ने व्यापार-वाणिज्य पर किस प्रकार प्रभाव डाले? उत्तर-
भौगोलिक खोजों ने नये देशों की खोज एवं नये व्यापारिक संपर्कों ने यूरोपीय व्यापार-वाणिज्य में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाये । उपनिवेशों के आर्थिक शोषण से यूरोपीय देश समृद्ध होने लगे । इस प्रगति ने यूरोपीय व्यापार को चरमोत्कर्ष पर पहुँचा दिया । अतः मुद्रा व्यवस्था का विकास हुआ। हुंडी, ऋणपत्र आदि व्यापारिक साख का विकास हुआ । व्यापार अपने स्थानीय स्वरूप से विकसित होकर वैश्विक रूप लेने लगा।
प्रश्न 4. भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार भ्रांतियों को तोड़ा? उत्तर-
भौगोलिक खोजों ने भौगोलिक ज्ञान के संदर्भ में पर्याप्त भ्रांतियों को तोड़ने का कार्य किया । इससे चर्च द्वारा प्रसारित अवधारणाओं पर अंगुली उठने लगी। कालान्तर में यह यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन का कारण बना। नए गोलार्द्ध के आविष्कार से यूरोप की क्षुद्रता और दुनिया की महत्ता की अभूतपूर्व जानकारी ने मनुष्य को नए-नए आविष्कारों के रास्ते पर खड़ा कर दिया । इसका संदेश स्पेनिश सिक्के ‘सामने और भी है’ से स्पष्ट होता है।
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प्रश्न 5. भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार विश्व के मानचित्र में परिवर्तन लाया? उत्तर-
भौगोलिक खोजों के पहले समाज अंधविश्वास से युक्त था। अमेरिका अर्थात नई दुनिया की खोज, भारत की खोज तथा आस्ट्रेलिया की खोज से उपनिवेशों की स्थापना होने लगी। फलस्वरूप साम्राज्यवाद का विकास होने लगा। यूरोपीय देशों की सभ्यता, संस्कृति, धर्म आदि का विस्तार हुआ। सारे देश सिमट कर एक हो गए। इससे दुनिया का एकीकरण यूरोपीकरण के द्वारा हुआ। अतः विश्व के मौलिक मानचित्र में परिवर्तन तो नहीं हुआ पर राजनैतिक परिवर्तन अवश्य हो गया ।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भौगोलिक खोजों का क्या तात्पर्य है ? इसने किस प्रकार विश्व की दूरियाँ घटाईं ? उत्तर-
विश्व की प्रारम्भिक सभ्यताओं के काल से ही व्यापार-एवं वाणिज्य परस्पर सम्पर्क का कारण रहा है । यह व्यापार मुख्यतः एक निश्चित मार्ग के माध्यम से होता था । परन्तु विश्व के कई ऐसे क्षेत्र थे, जिनमें जन जीवन तो विद्यमान था लेकिन शेष विश्व से उनका जुड़ाव नहीं था, जैसे-अमेरिका, अफ्रिका, आस्ट्रेलिया तथा एशिया के कुछ हिस्से । इन्हीं क्षेत्रों की समुद्री मार्ग द्वारा खोज हुई या समुद्री यात्रा से इन नए-नए देशों का पता लगा जिसे भौगोलिक खोज कहते हैं।भौगोलिक खोजों के कारण विश्व की दूरियाँ कम हो गई। इस घटना ने पहली बार लोगों को संसार के वृहत भूखण्ड से परिचित कराया और विश्व के देश एक-दूसरे के सम्पर्क में आये। एशिया और यूरोप की विभिन्न सभ्यताओं का जो पहले से अलग थी, परस्पर संपर्क स्थापित हुआ। यूरोप वालों ने अपनी सभ्यता-संस्कृति, धर्म एवं साहित्य का प्रचार-प्रसार किया । इसके कारण लोगों में आपसी भेद-मतभेद दोनों तरह की भावनाओं का विकास हुआ; फलत: इसी प्रकार की दूरियाँ कम हुईं।
प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों के कारणों की व्याख्या करें। उत्तर-भौगोलिक खोजों के निम्नलिखित कारण थे- उत्तर-
धर्मयुद्ध-धर्मयुद्ध 11वीं-12वीं शताब्दी में जेरूशलम की घटनाक्रम थी। इसके दौरान ही यूरोपियनों को यह महसूस होने लगा था कि दुनिया के हर पहलू को समझा जाए । अतः भौगोलिक खोजों को प्रोत्साहन मिला।
कस्तुनतुनिया पर तुर्की का आधिपत्य-कस्तुनतुनिया पर तुर्की का आधिपत्य होने से यूरोपीय व्यापारियों के लिए इस मार्ग से व्यापार करना ठीक नहीं रहा क्योंकि तुर्कों ने इस मार्ग से व्यापार के बदले भारी कर वसूलना शुरू किया था, जिसका हल ढूढ़ना यूरोपियनों के लिए आवश्यक था।
नये-नये आविष्कार-इस काल में हुए नये-नये आविष्कारों ने समुद्री यात्रा एवं नौ सेना के विकास को आसान कर दिया । कम्पास, दूरबीन, हल्के, मजबूत और तेज जहाज बने इन नये उपकरणों एवं साहस के बल पर यूरोपीय नाविकों ने अटलांटिक एवं भूमध्यसागर में अपने जहाज उतारे । फलस्वरूप भौगोलिक खोजें हुईं।
पुर्तगाल के राजकुमार और स्पेन की महारानी का सहयोग-पुर्तगाल के राजकुमार हेनरी-द-नेवीगेटर तथा स्पेन की महारानी ईसावेला ने भौगोलिक खोजों को प्रोत्साहन दिया तथा जाने का खर्च आदि देकर बिदा किया।
प्रश्न 3. नये अन्वेषित भूभागों को विश्व के मानचित्र पर अंकित करें औरयह बतादें कि भौगोलिक खोजों से पूर्व आप यदि यूरोप में होते तो भारत से किस-प्रकार व्यापार करते?
उत्तर-
नये अन्वेशित भूभागों में-
कोलम्बस ने अमेरिका की खोज की 1942 में।
बार्थो० ने Cape of good hope का 1488 में खोज की।
वास्कोडिगामा ने कालीकट (भारत) में 1498 में प्रवेश किया।
कैप्टन कुक ने आस्ट्रेलिया की खोज की।
भौगोलिक खोजों से पूर्व यदि मैं यूरोप में होता तो वही मा: जिस कोलम्बस ने अपनाया था, चलकर जहाज द्वारा भारत आता ।
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प्रश्न 4. अंधकार युग से क्या समझते हैं ? अंधकार युग से बाहर आने में भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार मदद की ? उत्तर-
मध्यकालीन यूरोपीय इतिहास के अध्ययन से पता चलता है कि यह काल सामंती प्रवृतियों का काल था। इस काल 1 न तो. व्यापार-वाणिज्य गतिशील था और न ही धर्म का स्वरूप उदार एवं मानवीय था । पृथ्वी के विषय में ज्ञान अत्यल्प एवं अंधविश्वास से युक्त था । भौगोलिक ज्ञान सीमित था अतः सामुद्रिक व्यापार भी सीमित था। उस समय लोगों को विश्वास था कि अधिकतम दूरी पर जाने पर पृथ्वी के किनारों से गिरकर अनन्त में विलीन हो जाना पड़ेगा । यही युग अंध कार युग के नाम से जाना जाता है ।अंधकार युग से बाहर आने में भौगोलिक खोजों का महत्वपूर्ण स्थान है । भौगोलिक खोजों के कारण आपसी जानकारी मिली, लोग एक दूसरे के निकट आए । एशिया और यूरोप की सभ्यताओं का मेल हुआ और एक दूसरे की सभ्यता और संस्कृति से परिचय हुआ। ईसाई धर्म का प्रचार अफ्रिका, एशिया तथा अमेरिका में किया गया । इस धर्म के व्यापक प्रचार ने चर्च की प्रभुसत्ता को कम किया । भौगोलिक खोजों के कारण हुई ज्ञान में वृद्धि से धर्म पर भी प्रभाव पड़ा कितने ही स्थलों पर अंधविश्वासों का खंडन हुआ। इस प्रकार लोग अंधकार युग से बाहर आए।
प्रश्न 5. भौगोलिक खोजों के परिणामों का वर्णन करें। इसने विश्व पर क्या प्रभाव डाला? उत्तर-
भौगोलिक खोजों के दूरगामी परिणाम हुए । ते निम्नलिखित हैं :
व्यापार-वाणिज्य पर प्रभाव-नये देशों की खोज में नय व्यापारिक संपर्कों ने यूरोपीय व्यापार-वाणिज्य शोषण से यूरोपीय देश समृद्ध होने लगे। हुंडी, ऋणपत्र आदि का व्यापारिक साख का विकास हुआ। इसमें 80 वर्षों तक यूरोपीय अर्थव्यवस्था चाँदी पर रही।
औपनिवेशिक साम्राज्यों का विकास-साम्राज्यवाद का विकास जारी रहा। इंग्लैण्ड, हॉलैंड, स्वीडेन, डेनमार्क, फ्रांस आदि देशों में कम्पनियां स्थापित हुईं।
वाणिज्यवाद का विकास-इसके फलस्वरूप आधुनिक पूँजीवाद । का विकास हुआ। अंतराष्ट्रीय स्तर पर सोने चाँदी की लूट हुई।
दास व्यापार का विकास-व्यापार में ‘मानव-श्रम’ की महत्ता ने दास व्यापार को प्रोत्साहित किया । गुलामों को जंगल काटने, कृषि कार्य कराने के लिए मजदूरों की खरीद-बिक्री होती थी।
ईसाई धर्म का प्रसार-यूरोप वाले उपनिवेशों में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार किया ।