Alankar Kise Kahate Hain – अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण
Alankar Kise Kahate Hain In Hindi – वह साहित्यक तत्व जो भाषा या काव्य की शोभा को बढ़ाते है उसे Alankar Kahate Hain तथा उसके अर्थ का प्रभाव बढ़ जाता है। हिंदी साहित्य के साहित्यकारों ने तो अलंकारों की तुलना किसी स्त्री के आभूषणों से की है।
Alankar Ka Arth In Hindi – अलंकार का शाब्दिक अर्थ
अलंकार शब्द दो शब्दांशों के योग से बनता है – ‘अलं’ + ‘कृ’। अतः अलंकार से तात्पर्य है – जो आभूषित करता हो।
अलंकार का शाब्दिक अर्थ है – आभूषण। यह एक हिन्दी भाषा का शब्द है, इसकी उत्पत्ति संस्कृत के ‘अलंकारः’ शब्द से हुई है।
Alankar Kise Kahate Hain
Alankar Kise Kahate Hain In Hindi – अलंकार क्या हैं
काव्य या भाषा की शोभा बढ़ाने वाले साहित्यिक तत्वों को अलंकार कहते हैं। ये शब्दों को अलंकृत करके वाक्यों को सुसज्जित कर देते हैं। इनके प्रयोग से वाक्यों की सरंचना और उनके अर्थों का प्रभाव बढ़ जाता है। हिंदी साहित्य के साहित्यकार भाषा को सुंदर बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग कई दशकों से करते आ रहे है।
जिस प्रकार स्त्रियों के आभूषणों और सौंदर्य प्रसाधनों (मेकअप) के प्रयोग से उनकी सुंदरता बढ़ जाती है, उसी प्रकार वाक्यों में अलंकारों के प्रयोग से काव्यों की शोभा बढ़ जाती है।
संस्कृत अलंकार संप्रदाय के संस्थापक आचार्य दण्डी ने कहा था –
“काव्यशोभा करान धर्मानअलंकारान प्रचक्षते।“
अर्थात, साहित्य के वे कारक जो काव्य की शोभा बढ़ाते हैं, उन्हें अलंकार कहा जाता है।
