class 10th biology chapter 2 question answer

                                                    biology chapter 2 question answer
लघु उत्तरीय प्रश्न
biology chapter 2 question answer
1. तंत्रिका तंत्र के क्या कार्य है?[2021A11] जतुओं में तंत्रिका तंत्र न्यूरॉन के बने होते हैं। तंत्रिका तंत्र दो स्तर पर शरीर के विभिन्न कार्यों का समन्वय एवं नियंत्रण करता है।
(i) यह विभिन्न प्रकार की आंतरिक संवेदना या उद्दीपनों (stimuli) जैसे-भूख, प्यास, तृष्णा एवं रोग इत्यादि तथा बाह्य संवेदना जैसे- भौतिक, रासायनिक एवं यात्रिक या विद्युतीय प्रभावों आदि को ग्रहण कर उनका संवहन शरीर के विभिन्न भागों तक करता है।
(ii) यह आंतरिक तथा बाह्य संवेदनाओं की प्रतिक्रिया हेतु शरीर के विभिन्न अंगों को प्रेरित करता है।

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2. तंत्रिका ऊतक कैसे क्रिया करता है[2018A11, 201811] तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को न्यूरॉन कहते हैं। प्रत्येक न्यूरॉन के तीन भाग होते हैं- साइटॉन, एक्सॉन तथा डेन्ड्राइट्स। साइटॉन में एक बड़ा केंद्रक तथा कोशिका द्रव्य पाया जाता है। जिसमें अनेक निस्सस कणिकाएँ उपस्थित रहती हैं। एक्सॉन साइट्रॉन से निकलने वाला सबसे दीर्घ तंतु होता है। इसमें कोशिकाद्रव भरा रहता है। साइटॉन से निकलने वाले अन्य छोटे एवं शाखित प्रबंधों को डेन्ड्राइटस कहते हैं। इसका स्वतंत्र सिरा सदैव शाखित होता है। संवेदी अंगों से ये संवदेनाओं को ग्रहण करते हैं तथा उन्हें साइटॉन को प्रेषित करने का कार्य करता है।
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3. न्यूरोट्रांसमीटर क्या है?[2022A11]
न्यूरोट्रांसमीटर एक रासायनिक पदार्थ है जिसका स्राव तंत्रिकाक्ष (Axon) के अन्तिम सिरों के द्वारा होता है एसीटीलकोलिन (acetylcholine) तथा नॉरएड्रिनलिन (noradranaline) न्यूरोट्रांसमीटर रासायनिक पदार्थ है यह तंत्रिका आवेग को एक एम्सॉन से दूसरे न्यूरॉन की डेंट्राइट्स में पहुँचाता है जहाँ से संवेगो या आवेगो का संचार एक कोशिका से दूसरी न्यूरॉन कोशिकाओं, ग्रंथिल कोशिकाओं, पेशीकोशिकाओं या अन्य अंगो में होता है। तंत्रिक कोशिकाओं द्वारा सूचनाओं का संचार सिर्फ एक ही दिशा में होता है।
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4. प्रतिवर्ती क्रिया एवं प्रतिवर्ती चाप में क्या अंतर है?[2022AII]
प्रतिवर्ती क्रिया उद्दीपनों या बाह्य उत्तेजना जैसे दर्द, ताप आदि के फलस्वरूप तत्काल एवं अविवेचित अनुक्रिया जिसमें मस्तिष्क की कोई भूमिका नहीं होती है, प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती है। यह मस्तिष्क की इच्छा के बिना होनेवाली अनैच्छिकं क्रिया है। ये क्रियाएँ मेरुरज्जु (Spinalcord) के द्वारा नियंत्रित होती है परन्तु इन क्रियाओं की सूचना मस्तिष्क को भी पहुँचती है। यदि आप गर्म प्लेट या तबे को छूते हैं, तो ऊष्मा या ताप के कारण उत्पन्न दर्द को महसूस करते हैं।
प्रतिवर्ती चाप-प्रतिवर्ती चाप में मेरुरज्जु के साथ-साथ मस्तिष्क भी शामिल होते हैं। प्रतिवर्ती क्रियाओं में ग्राही अंगों से सूचनाएँ संवेदी तंत्रिकाओं द्वारा मेरुरज्जु तक जाती है। वहाँ से अभिक्रिया के लिए प्रेरक तंत्रिका द्वारा कार्यकारी अंग तक पहुँचती है। जैसे-जब तेज प्रकाश को एकाएक आपकी आँखो पर फोकस किया जाता है; तो आँखे स्वतः बंद हो जाती है अतः न्यूरॉन में आवेगों के संचरण का पथ प्रतिवर्ती चाप (Reflex arc) कहलाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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1. मानव मस्तिष्क की संरचना का वर्णन करें।[2019A1]
मानव तंत्रिका तंत्र के द्वारा शरीर के क्रियाओं के नियंत्रण और समन्वय में मस्तिष्क की अहम भूमिका होती है। मानव मस्तिष्क, खोपड़ी के नियल के अंदर अवस्थित होता है। यह तंतुमय संयोजी ऊतक की झिल्ली से घिरा होता है, जिसे मेनिजीज कहते हैं। यह मस्तिष्क को बाहरी आघातों तथा दबाब से बचाता है। मेनिजीज और मस्तिष्क के बीच सेरीव्रोस्पाइल द्रव भरा होता है। यह मस्तिष्क को बाहरी आघातों से सुरक्षित रखने में मदद करता है। मानव मस्तिष्क को तीन प्रभागों में बांटा गया है- (i) अग्र मस्तिष्क (ii) मध्य मस्तिष्क (iii) पश्च मस्तिष्क।

(1) अत मस्तिष्क-गह सेरीक्षण पूर्व डाइएनसेफलॉन में पैदा होता है।

(क) सेरीयम-यह मरिराष्क के भाग का निर्माण करता है। यह दो 3 प्रमस्तिष्क गोलार्डों द्वारा चना होता है एवं यह संत्रिका ऊतकों से बनी फॉर्पस कैलोसम नामक रचना द्वारा आपस में जुड़ी होती है।

(b) डाएनसेफलॉन यह अग्रमस्तिष्क का यड़ा भाग है, जो प्रगस्तिष्क गोलाद्धों द्वारा बैंका होता है। ‘यह शरीर में तापमान का आभास तथा दर्द या रोने जैसी क्रियाओं का नियंत्रण करता है।

(ii) मध्य पस्तिष्क यह मस्तिष्क स्टेम का ऊपरी भाग है, जो संतुलन एवं ऑटन की पेशियों को नियंत्रित करता है।

(HI) पश्च मस्तिष्क यह मस्तिष्क का पृष्ठ भाग है। यह दो भाग का बना होता है- (n) सेरीबेलम (b) मस्तिष्क स्टेम।

(a) सेरीवेलम पश्च मस्तिष्क के द्वारा मुद्रा, समन्यय, संतुलन एवं ऐच्छिक पेशियों की गतियों का नियंत्रण करता है।

(b) मस्तिष्क स्टेम यह पॉन्स चैटालाई एवं मेडुल ऑग्लांगेटा भाग में बंटे होते हैं।

(1) पॉन्स बैरोलाई यह मेडुला के अग्र भाग में स्थित होता है एवं यह श्वसन क्रिया को नियंत्रित करता है।

(ii) मेडुला ऑब्लांगेटा मस्तिष्क का सबसे पीछे का भाग है। इस भाग के द्वारा शरीर में होने वाली अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण होता है। जैसे-श्वसन दर, हृदय का धड़कना, आहार नाल की क्रमांकुचन गति, रक्त चाप इत्यादि। इसके अलावे प्रतिवर्त्ति क्रियाओं (reflex action) का भी नियंत्रण होता है। जैसे छींकना, खाँसना, पाचक रसों का स्राय तथा यमन (vomiting) आदि।

गाइरस सल्कस

प्रमस्तिष्क

कृपालू (खोपड़ी)

अग्र मस्तिष्क

-कार्पस कैलोसम मध्य

मस्तिष्क

आप्टिक कियेज्मा

हाइपोथैलेमस

पीयूष ग्रंथि

पॉन्स

पश्चमस्तिष्क

मेडुला

अनुमस्तिष्क

• मेरूरज्जु

चित्र: मानव मस्तिष्क की संरचना (पार्श्व अवलोकन)

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2. एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की नामांकित संरचना बनाइए तथा उनके कार्यों का वर्णन करें।[2018AII,2019AII, 2022AI]
तंत्रिका तंत्र की संरचना तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा होती है, जिसे न्यूरॉन कहते हैं। न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है, जो संवेगनाओं को ग्रहण कर संचारित करने का काम करती है। एक न्यूरॉन में तीन भाग होते हैं

केंद्रक

दुमिका

कोशिका काय

तंत्रिकाक्ष

तंत्रिका का अंतिम सिरा

विज्ञान (Science)

चित्र: तंत्रिका कोशिका का चित्र
3. मानव मस्तिष्क का एक स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।[2016AI]

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. किन्हीं चार पादप हार्मोन के नाम लिखें[2013A]
चार पादप हार्मोन निम्नलिखित हैं- (आई) ऑक्सिन (ई) जिब्बेरेलिन (आईआईआई) एब्सिरिक एसिड (आईवी) साइटोकाइनिन ।

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लघु उत्तरीय प्रश्म

1. हॉर्मोन क्या है? दो पाइप हॉर्मोन का नाम लिखें।[2019AI, 2022AII]
हॉमौन पौधों में जटिल तंत्रिका तंत्र नहीं होता है। इसमें रासायनिक नियंत्रण ही होता है। पौधों की जैविक क्रियाओं के बीच समन्वय स्थापित करने वाला रासायनिक पदार्थ पादप हॉर्मोन (फाइटोहोरोमोंस) कहलाता है। ये मूलतः विसरण की क्रिया द्वारा बहुत अल्प मात्रा में अपने संश्लेषण स्थल से पौधों के विभिन्न अंगों में पहुँचते हैं। जहाँ ये उनकी वृद्धि एवं कई उपापचयी क्रियाओं (मेटाबॉलिक एक्टिविटीज) का नियंत्रण एवं समन्वय करते हैं।

2. पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?[2019AII]
पौधे के प्ररोह (तने का ऊपरी भाग) तथा पत्तियाँ प्रकाश की दिशा में गति करते हैं। पौधों की यह गति प्रकाशानुवर्तन (फोटोरोपिज्म) कहलाती है। पौधे का तना प्रकाश के प्रति अनुक्रिया दिखाता है, जिसके कारण यह उसकी ओर मुड़ जाती है। प्रकाशानुवर्तन गतियाँ प्रायः ऑक्सिन हॉर्मोन की अधिकता एवं कमी के कारण होती है। पौधों की जड़ों में यह अनुक्रिया विपरीत दिशा में होती है।
3. दो पादप हॉर्मोनों का नाम लिखें एवं उनके एक-एक कार्य लिखें।[2019S]

दो पादप हॉर्मोन निम्नलिखित हैं- (आई) ऑक्सिन (ई) जिब्बेरेलिन।

(1) ऑक्सिन के कार्य- यह कार्बनिक यौगिकों का समूह है जो पौधों

में कोशिका विभाजन (सेल डिविजन) तथा कोशिका दीर्घन (सेल

एलॉन्गेशन) में भाग लेता है।

ते

(ई) जिब्बेरेलिन के कार्य- यह जटिल कार्बनिक यौगिक है जो तना की वृद्धि में सहायक है एवं वृहत आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन में भी सहायक होता है।

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