Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 1.
समुद्र ‘अबूझ भाषा’ में क्या कहता रहता है?,
उत्तर-
समुद्र ‘अबूझ भाषा’ में मनुष्य से कहता है कि मेरा यानि समुद्र का कुछ नहीं होता यही अबूझ भाषा में वह अपने मनोभाव को प्रकट करता है। समुद्र . के अबूझ भाषा में कहने का मूलभाव यह है कि समुद्र अक्षय का भण्डार है।

 

मनुष्य को अपनी इच्छानुसार समुद्र के अक्षय भण्डार से जितना कुछ लेने की इच्छा हो उतना वह ले ले। यहाँ समुद्र की उदारता और विराटता का चित्रण हुआ है। मनुष्य अपनी इच्छानुसार जितना भी समुद्र का अपने हित के लिए उपयोग करेगा उससे समुद्र का कुछ नहीं बिगड़ेगा, कुछ नहीं घटेगा। 

 

Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 2.
समुद्र में देने का भाव प्रबल है। कवि समुद्र के माध्यम से क्या कहना चाहता है?
उत्तर-
‘समुद्र’ नामक कविता में कवि ने प्रतीक प्रयोगों द्वारा मानव जीवन के लिए समुद्र की उपयोगिता पर ध्यान आकृष्ट किया है।
समुद्र अक्षय भंडार है। वह सदैव से सृष्टि के सृजन में सहयोगी रहा है। समुद्र अपनी अबूझ भाषा में मौन रूप में रहकर मानव हित के लिए तत्पर है।

वह कहता है कि मेरे गर्भ में पल रहे घोंघे, केंकड़े या अन्य जीव-जन्तुओं से मनुष्य ने अपने उपयोग के लिए अनेक वस्तुओं का निर्माण किया है। वह मेरे अक्षय निधि से अपना हित भी साधा है। जीवनोपयोगी अनेक चीजों जैसे-बटन, औजार, टेबुल पर सजाने की चीजों का निर्माण किया है।

प्रश्न 3.
निम्नांकित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य स्पष्ट करें।
“सोता रहँगा छोटे से फ्रेम में बँधा
गर्जन-तर्जन, मेरा नाच गीत उद्वेलन
कुछ भी नहीं होगा।”
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘समुद्र’ काव्य पाठ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में महाकवि सीताराम महापात्र ने ‘समुद्र’ के जीवंत रूप का चित्रण करते हुए उसकी
महत्ता की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट किया है। कवि कहता है कि सागर प्रतीक रूप में मनुष्य से अपनी पीड़ा या भावना को व्यक्त करते हुए कहता है कि-मेरे चित्र यानि ‘समुद्र’ के चित्र को छोटे से फ्रेम में गढ़कर तुम टी. वी. के बगल में टाँग दोगे।

उस चित्र में मेरा जीवंत स्वरूप दृष्टिगत नहीं होगा। मैं तो उस फोटो में सुषुप्तावस्था में दिखाई पगा। मेरी जीवंतता, मेरी यथार्थता वहाँ से ओझल हो जाएगी।  तुम्हें मेरे सही रूप का दर्शन वहाँ नहीं होगा। – यहाँ कवि सूक्ष्म रूप से फोटो की अनुपयोगिता की ओर ध्यान आकृष्ट करता है।

Class 9 Hindi samundra

प्रश्न 4.
‘नन्हें-नन्हें सहस्र गड्ढों के लिए/भला इतनी पृथ्वी पाओगे कहाँ’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
‘समुद्र’ काव्य पाठ में सीताराम महापात्र ने उपरोक्त काव्य पंक्तियों के द्वारा समुद्र और पृथ्वी की विराटता, महत्ता, उपयोगिता पर यथेष्ट प्रकाश डाला है। सागर जब मनुष्य से पूछता है यह कहता है कि मेरे गर्भ में पल रहे सैकड़ों जीव-जंतु जो विद्यमान है उनमें से केंकड़ा भी एक उपयोगी जीव है।

अगर तुम उसे ‘पकड़कर अपनी आवश्यकतानुसार रखना चाहते हो तो यह पृथ्वी सागर की तुलना में छोटी पड़ जाएगी। मेरे गर्भ की गहराई अथाह है जबकि धरती की सीमाएँ सीमित हैं। अगर उन केंकड़ों को रखने के लिए इस धरती पर तुम हजारों गड्ढों का निर्माण करोगे तो भी यह धरती छोटी पड़ जाएगी।

Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 5.
कविता में “चिर-तृषित’ कौन है?
उत्तर-
‘समुद्र’ काव्य पाठ में, सीताराम महापात्र ने चिरतृषित’ रूप में सूर्य को प्रतीक मानकर किया है। इस कविता में ‘चिर-तृषित’ के रूप में सूर्य को दर्शाया गया है। सूर्य सदैव सागर के जल को सोखता रहा है यानि पीता रहा है। यहाँ सूर्य का प्रतीक रूप इस धरती का मानव है।

वह सदियों से भूखा-प्यासा है। आज भी उसकी भूख-प्यास मिटी नहीं है। वह युगों-युगों से प्रकृति के रूपों, साधनों वस्तुओं का अपनी सुख-सुविधा के लिए उपयोग करता रहा है। उसकी चिर-पिपासा अभी तक बुझी नहीं है। 

youtube channel
whatsapp group

 

सप्रसंग व्याख्या करें:

Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 6.
(क) उन पद-चिन्हों को,
लीप-पोतकर मिटाना ही तो है काम मेरा
तुम्हारी आतुर वापसी को
अपने स्वभाव सुलभ
अस्थिर आलोड़न में
मिला लेना ही तो है काम मेरा
उत्तर-

महाकवि सीताराम महापात्र के अपनी ‘समुद्र’ कविता में उपरोक्त पंक्तियों के माध्यम से मानव सभ्यता के अमिट चिन्हों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। कवि कहता है कि सागर ने मानव द्वारा निर्मित पद-चिन्हों को लीप-पोतकर अनेक बार मिटाने का काम किया है।

मनुष्य की आतुरतामय वापसी को वह अपने स्वभाव के अनुसार अस्थिर हलचलों के द्वारा सुलभता के साथ स्वयं में मिला लिया है। यानि अपने में समाहित कर लिया है।

Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न
(ख)क्या चाहते हो ले जाना घोंघे?
क्या बनाओगे ले जाकर? ।
कमीज के बटन
नाड़ा काटने के औजार।
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘समुद्र’ काव्य पाठ से उद्धृत की गयी हैं।

उपरोक्त पंक्तियों में कवि ने ‘समुद्र’ के माध्यम से यह कहना चाहा कि ऐ मानव! तुम मुझसे क्या चाहते हो घोंघा? घोंघे को ले जाकर तुम उसका क्या उपयोग करोगे? क्या उसका कमीज के बटन बनाने में उपयोग करोगे या कि नाड़ा काटने के लिए औजार का रूप गढ़ोगे।

Class 9 Hindi samundra

प्रश्न 7.
समुद्र मनुष्य से प्रश्न करता है। इस तरह के प्रश्न के पीछे मनुष्य की उपभोक्तावादी प्रवृत्ति का पता चलता है। 
उत्तर-
‘समुद्र’ शीर्षक कविता के माध्यम से महाकवि सीताराम महापात्र ने कई प्रकार के प्रश्नों को उठाया है। 

‘ कवि ने ‘समुद्र’ के विराट एवं उदार पक्ष को उदघाटित किया है। समुद्र मनुष्य के लिए अपना अक्षय भंडार सुपुर्द कर देता है। वह मनुष्य को यह भी छूट दे देता है

मेरे इस अक्षय भांडर का सदुपयोग करो। इससे मेरा कुछ स्वरूप नहीं बदलेगा। मेरा कुछ नहीं घटेगा। इन भावों में ‘समुद्र’ का प्रयोग प्रकृति के अवयव एवं प्रीतक रूप में प्रयोग हुआ है। 

Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 8.
कविता के अनुसार मनुष्य और समुद्र की प्रकृति में क्या अंतर है?
उत्तर-
‘समुद्र’ कविता सीताराम महापात्र की एक उत्कृष्ट कविता है। इसमें मनुष्य और समुद्र के बीच के अटूट संबंध पर कवि ने प्रकाश डाला है।

कवि सागर की उदारता, विराटता और उसकी महत्ता का अनूठा चित्रण प्रस्तुत किया है। सांगर का स्वरूप सदैव से मनुष्य के लिए हितकारी रहा है। सागर के पास अक्षय भंडार है। उसके गर्भ में रत्नों की खान है। जीव-जंतुओं की अधिक भरमार है। वे किसी न किसी रूप में मानव जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं।

Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 9.
कविता के माध्यम से आपको क्या संदेश मिला है?
उत्तर-
‘समुद्र’ कविता के माध्यम से सीताराम महापात्र ने मानव के लिए एक नूतन संदेश देने का काम किया है। अपनी इस उत्कृष्ट कविता के द्वारा कवि ने समुद्र . की उपयोगिता, महत्ता, विराटता और उसकी मानव के लिए जरूरत की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए प्रकृति के यथार्थ रूप का सुंदर और सटीक चित्रण किया है।

कवि ने समुद्र की उदारता के प्रबल पक्ष को उदघाटित किया है। समुद्र सदैव अपने अक्षय भंडार को मानव हित के लिए बिना मीन-मेष के प्रस्तुत किया है। 

Class 9 Hindi samundra

प्रश्न 10.
‘किन्तु मेरी रेत पर जिस तरह दिखते हैं। उस तरह कभी नहीं दिखेंगे।’ पंक्तियों के माध्यम से कवि का क्या आशय है?
उत्तर-
 कविता में छोटे-छोटे जीव-जंतुओं के प्रतीक प्रयोगों द्वारा मानव जीवन के विकास में उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला है।

कवि घोंघे को प्रस्तुत करते हुए सागर की पीड़ा को व्यक्त करता है।

सागर मानव से प्रश्न करता है कि तुम किसलिए घोंघे को ले जाना चाहते हो? उनको ले जाकर कमीज का बटन बनाओगे या नाड़ा काटने का औजार या टेबुल पर उन्हें रखकर ड्राइंग रूप को सजाओगे?

Class 9 Hindi samundra Chapter 11

प्रश्न 11.
“जितना चाहो ले जाओ/फिर भी रहेगी बची देने की अभिलाषा’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-

यहाँ समुद्र मानव से कहता है कि जितना चाहो तुम ले जाओ। कहने का मूल भाव यह है कि समुद्र अक्षय भंडार है। उसके गर्भ में अनेक रत्नों का भंडार है। उसके गर्भ में अनेक जीव-जंत पल रहे हैं। वह कहता है कि अपनी तषित प्यास बुझाने के लिए भूख मिटाने के लिए अपनी क्षमता से भी अधिक जो चाहो, जितना चाहो मेरे अक्षय शेष से ले सकते हो।

Class 9 Hindi samundra

प्रश्न 12.
इस कविता के माध्यम से समुद्र के बारे में क्या जानकारी मिलती है? .
उत्तर-

‘समुद्र’ कविता के द्वारा समुद्र की विराटता, उदारता और उसकी महत्ता पर कवि ने समुद्र को एक दानवीर उदार और लोकहितकारी रूप में चित्रित करते हुए कहा है कि ‘समुद्र’ अपनी मौन और अबूझ भाषा में बहुत कुछ कह देता है।

वह ” अपनी चिंता नहीं करता। वह अपने बारे में कहता है कि मेरा कुछ भी नहीं घटता . या बिगड़ता है। हे मानव! तुम जितना चाहो मेरे उदर से या अक्षय भंडार से जितना रत्न या वस्तुएँ चाहो, नि:संकोच रूप में ले जा सकते हो, 

facebook

matric exam

Class 9 Hindi samundra
Bihar Board Class 9 Hindi samundra Chapter 11
youtube channel
Whatsapp Channel
Telegram channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top