Class 12th Biology chapter 3 |जनन स्वास्थ्य नोट्स
जनन स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ
निम्नलिखित कारणों से जनन स्वास्थ समस्या उत्पन्न होती है:-
- बाल विवाह का होना
- बहुत कम उम्र मे बार बार गर्भधारण का होना
- प्रसर्वोत्तर के समय देखभाल की कमी |
- जनन अंगो की अस्वच्छता के कारण |
- शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर का अधिक वृधि होना ।
- ऋतुस्ताव सम्बन्धी समस्याओं की कमी।
- जन्म नियन्त्रण उपायों जैसे गर्भ निरोधको सम्बन्धी ज्ञान न होना |
- यौन संचारित रोगो से सम्बन्धित जानकारी का अभाव तथा उपलब्ध भ्रांतियाँ |
कार्यनीतियाँ
- परिवार नियोजन कार्यक्रम |
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)।
- शहरी परिवार कल्याण योजनाएँ।
- व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम।
- जनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम।
परिवार नियोजन कार्यक्रम
- भारत मे परिवार नियोजन का प्रारम्भ सन् 1951 में हुआ।
- जनन स्वास्थ्य के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु यह सर्वप्रथम व बड़ा प्रयास था।
- इस कार्यक्रम को प्रारम्भ कर भारत विश्व का पहला ऐसा देश बन गया जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सम्पूर्ण जनन स्वास्थ्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस कार्यक्रम को प्रारम्भ किया।
- परिवार नियोजन का एकमात्र उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण था।
- सन् 1977-78 के पश्चात् ‘परिवार नियोजन’ का बदलकर ‘परिवार कल्याण कार्यक्रम ‘ कर दिया गया।
जनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम
उद्देश्य–
- शिशु व गाँ के स्वास्थ्य की देखभाल।
- शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर मे कमी
- जनसंख्या स्थिरता / नियंत्रण।
जनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम की कार्यनीतियाँ (Strategies of Reproductive and child Health Care Programme)
- विद्यालयो मे जनन अंगो से सम्बन्धित जानकारी व यौन शिक्षा को बढ़ावा देना, ताकि युवाओं को सही जानकारी मिल सके ।
- श्रव्य दृश्य या आडियो विजुअल माध्यमो तथा मुद्रित प्रचार सामग्री की सहायता से सरकारी व गैर सरकारी संगठनों द्वारा जनता के बीच जनन सम्बन्धी पहुलुओ के प्रति जागरूकता के उपाय किए जा रहे है।
- जनमानस को अनियन्त्रित जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याओं से अवगत कराना ।
- विवाहित जननक्षम जोडो तथा विवाह योग्य या इस आयु वर्ग के अन्य सभी लोगों को सभी उपलब्ध गर्भ निरोधक विकल्पों के बारे मे जानकारी तथा गर्भवती माँ की देखभाल, प्रसव के बाद माँ और शिशु की उचित देखभाल तथा स्तनपान के महत्व सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराना ।
- आर. सी. एच की कार्ययोजनाओं में लिंग परीक्षण जैसे उल्लेधन या एम्बियोसेटेसिस आदि पर व्यापक प्रतिबन्ध शामिल हैं इत्यादि।
Class 12th Biology chapter 3
उल्वनेधन (Amniocentisis)
- भ्रूण के चारो ओर एक भ्रूणकला एम्नियोन पाई जाती है तथा भ्रूण इस भ्रूणकला से ढकी व तरल से भरी एक गुहा में स्थित होता है। इस तरल मे कुछ भ्रूणीय कोशिकाएँ भी पाई जाती है।
- उल्वबेधन विधि मे एक सिरीज की मदद से तरल की कुछ मात्रा एम्नियोटिक गुहा से निकाल ली जाती है।
- इस तरल मे निलम्बित कोशिकाओं के गुणसूत्रों की जाँच से भ्रूण की किसी विकृति का पता लगाया जाता है। चूंकि यह जाँच गुणसूत्रो पर आधारित है अत: इससे भ्रूण के लिंग का पता भी लग जाता है।
- इस तकनीक का भ्रूणीय लिंग की जाँच तथा कन्या भ्रूण हत्या में प्रयोग किया गया |
- अतः अब इस विधि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह परीक्षण प्राय: गर्भकाल के 16 वे से 10 वे सप्ताह में किया जाता है।
जनन व बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की उपलब्धियाँ
- शिशु मृत्युदर व मातृ मृत्यु दर में कमी हुई है।
- लोगो ने छोटे परिवार को अपनाना प्रारम्भ किया ।
- चिकित्सा सहायता प्राप्त प्रसवों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- बध्य दम्पत्तियों की जाँच तथा उनके सन्तान पैदा करने के अवसर बढ़े है।
- यौन सम्बन्धित रोगों के बारे में लोगों की जागरुकता बढ़ी है।
जनसंख्या विस्फोट
परिभाषा:– अपेक्षाकृत कम समय में हुई जनसंख्या में तीव्र वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट कहते है।

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