1. शक्ति-संतुलन से आप क्या समझते हैं?
राष्ट्रों के परिवार के सदस्यों के बीच ऐसी न्यायंपूर्ण साम्यावस्था बनाये रखना जिससे उनमें से कोई इतना शक्तिशाली न हो सके कि वह अपनी इच्छ
दूसरों पर लाद सके उसे शक्ति संतुलन कहा जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दो शक्तियों का उदय हुआ। अमेरिका और रूस। एक पूँजीवाद का समर्थक था दूसरा साम्यवाद का।
2. मार्शल योजना क्या थी?[2013A)
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1948 के अमेरिकी गुट के यूरोपीय देशों के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए योजना तैयार करने की जरूरत थी और पूरे यूरोप के लिए एक मजबूत आर्थिक वातावरण बनाने में मदद करना था। मार्शल योजना में यूरोपीय देशों के लिए 13 अरब डालर का सहयोग दिया।
3. तीसरी दुनिया से आप क्या समझते हैं?
. गुट निरपेक्ष आंदोलन को तीसरी दुनिया के लोगों ने तीसरे विकल्प के रूप में देखा। तीसरी दुनिया का अर्थ तटस्थता धर्म को निभाना भी नहीं है। ऐसे देश युद्ध में संलग्न नहीं होते न ही युद्ध के सही गलत होने के बारे में उनका कोई पक्ष होता है। कई कारणों से तीसरी दुनिया के देश जिसमें भारत भी शामिल है; युद्ध में शामिल हुए हैं। इन देशों ने दूसरे देशों के बीच युद्ध को होने से टालने के लिए काम किया है और हो रहे युद्ध के अंत के लिए प्रयास किए हैं। तीसरी दुनिया के देशों के विकास में शांति, स्थिरता और समृद्धि प्रदान करने में गुटनिरपेक्ष आंदोलन ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. एक ध्रुवीयता का क्या अर्थ है? यह कब प्रारंभ हुआ?[2016A)
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत संघ दो महाशक्तियों के रूप में उभरे। अमेरिका उदारवादी विचारधारा का समर्थक था तो सोवियत संघ साम्यवादी विचारधारा का। दोनों ने अपनी शक्ति बढ़ाई। दुनिया के अधिकाधिक देश किसी एक महाशक्ति के शिविर में आ गए। दोनों के बीच खुला मुकाबला चल पड़ा क्योंकि वे एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी थे। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद दो ध्रुवीयता चली गयी। मात्र अमेरिका का प्रभुत्व विश्व में स्थापित हो गया। इसी स्थिति में एकध्रुवीय विश्व कहा जाता है।
5. क्या गुट निरपेक्षता एक नकारात्मक नीति है?[20/7A)[2018A/
गुट-निरपेक्षता का उदय ऐसे समय हुआ था जब दुनिया शीत युद्ध के दौर से गुजर रहा था और यह दो गुटों में बँटा हुआ था। ऐसी स्थिति में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की नीति दोनों गुटों से समान दूरी बनाये रखकर विकासशील देशों एवं गरीब देशों को एक नया मंच प्रदान किया जिससे उसके आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक प्रगति होता रहे। इसलिए गुट-निरपेक्षता एक नकारात्मक नीति न होकर सकारात्मक नीति है।
6. गुट-निरपेक्षता संबंधी भारतीय नीति क्या है?
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के समय विश्व दो प्रतिद्वन्द्वी गुटों में विभक्त था। दोनों के बीच शीतयुद्ध जारी था। दोनों ही गुट सैनिक संगठनों को बढ़ावा दे रहे थे। विश्व युद्ध की स्थिति बनी हुई थी। ‘भारत के समक्ष दो ही विकल्प थे कि या तो किसी एक गुट में शामिल होकर दूसरे की दुश्मनी मोल ले या दोनों ही गुटों के प्रति निरपेक्षता की स्थिति बनाये रखते हुए स्वतंत्र विदेश नीति का अवलम्बन करे। भारत ने दूसरी नीति को अपनाया, जो संप्रभुता संपन्न राष्ट्र के अनुकूल था। गुट निरपेक्षता का अर्थ विश्व राजनीति से तटस्थता नहीं था, बल्कि स्वतंत्र विदेश नीति को अपनाना था। भारत की गुट निरपेक्षता की नीति तृतीय विश्व के देशों के लिए आंदोलन बन गई।
7. गुट-निरपेक्ष आंदोलन के दो उद्देश्य लिखें।[2015A,2018A)[2024A. 2019A)
. गुट-निरपेक्ष आंदोलन अपने आपको तीसरी दुनिया के हितों का संरक्षक तथा सैनिक गुट में बँटे दो समूह के मुकाबले में एक वैकल्पिक समूह मानता है। इसकी शुरुआत 1961 से हुई इस आंदोलन के दो-प्रमुख उद्देश्य है-
(i) साम्राज्यवाद एवं उपनिवेशवाद का विरोध करना। यदि संसार में साम्राज्यवाद एवं उपनिवेशवाद का अंत हुआ तो इसका श्रेय गुट निरपेक्ष आंदोलन को जाता है।
(ii) गुट निरपेक्ष आंदोलन के कारण रंग भेद, नस्ल भेद एवं स्वयं को न मानने की नीति आदि रहा है। गुट निरपेक्ष देशों ने समय-समय पर इन नीतियों के विरुद्ध आवाज उठायी है
8. निःशस्त्रीकरण की परिभाषा दीजिए(20190)
निःशस्त्रीकरण का अर्थ है कि मानव को संहार करने वाले अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण बंद हो व आण्विक शस्त्रों पर प्रतिबंध लगे। विश्व के अनेक देशों ने अणुबम तथा हाइड्रोजन बम बना लिए हैं और कुछ बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय शांति को दिन-प्रतिदिन खतरा बढ़ रहा है। भारत प्रारंभ से ही निःशस्त्रीकरण के पक्ष में रहा है। 1961 में भारत ने अणुबम न बनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा में रखा था। अतः कहा जा सकता है कि निःशस्त्रीकरण में ही विश्व का कल्याण निहित है।
9. संक्षेप में परमाणु युद्ध के प्रभावों का वर्णन करें।[2019A]
जिस युद्ध में शत्रु को नुकसान पहुँचाने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग किया जाता है उसे परमाणु युद्ध कहते हैं। परमाणु युद्ध का प्रभाव मानव जीवन पर व्यापक रूप से पड़ता है। परमाणु अस्त्र न केवल युद्ध में लड़ने वाले देशों का बल्कि मानव मात्र का विनाश कर सकते हैं। परमाणु बम का प्रयोग यदि एक बार किया जाता
10. गुटनिरपेक्षता, तटस्थता से कैसे अलग है?12022A/
है तो कई बार दुनिया को नष्ट कर सकता है। यदि एक बार परमाणु बम का प्रयोग किया गया तो बम गिरने से रेडियोधर्मिता के बादल इतने तेजी से उठेंगे कि सुदुर स्थानों में रहने वाले करोड़ों लोग भी मारे जा सकते हैं। यदि परमाणु युद्ध हुआ तो पूरी मानव जाति नष्ट हो जाएगी।
गुटनिरपेक्षता का मतलब होता है ऐसे व्यक्ति या देश जिन्होंने अपना एक गुट या समृड्डू बनाया है जो शक्ति गुटों के प्रति त्तटस्थ रहता है। तटस्थता का मतलब होता है ऐसा व्यक्ति या देश जो किसी से भी कोई संधि नहीं रखता है और तटस्थ रहता है। यही गुटनिरपेक्षता तथा तटस्थता में अंतर है।
11. गुट निरपेक्ष आंदोलन की कोई दो विशेषताएँ बताएँ(20234)
गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) स्वतंत्र नीति का पालन करना।
(ii) गुट-निरपेक्षता अलगाववाद या तटस्थता की नीति नहीं है। यह सहयोग एवं समस्या समाधान करने की नीति है।
(iii) गुट-निरपेक्षता की नीति शीत युद्ध का समर्थन नहीं करती है।
(iv) यह नीति सैनिक, राजनीतिक, सुरक्षा, संधि तथा गठबंधन का विरोध करने की नीति है।
(v) गुट-निरपेक्षता की नीति जातिवाद, रंगभेद, साम्राज्यवाद तथा उपनिवेशवाद का विरोध करती है।
(vi) गुट-निरपेक्षता की नीति शस्त्रीकरण के नीति का समर्थन नहीं करती है।
अथवा, गुट निरपेक्ष आंदोलन की कोई चार प्रमुख विशेषतायें बतायें। [2022A)
12. ‘मार्शल योजना’ का उद्देश्य क्या था[20234/
12. मार्शल योजना की शुरूआत द्वितीय विश्व युद्ध 1948 में शुरू किया गया था। मार्शल योजना का मुख उद्देश्य यूरोपीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, स्थिर अर्थव्यवस्थाओं के लिए नीतियों को अपनाने को बढ़ावा देना और यूरोपिय देशों के बीच और यूरोप और बाकी दूनिया के बीच व्यापार बढ़ाने के उपाय करना था।
13. गुट-निरपेक्षता की नीति को परिभाषित करें(2025A
13. गुट-निरपेक्ष आंदोलन का अर्थ है किसी देश अथवा गुट में सम्मिलित न होना तथा किसी भी देश अथवा गुट के कार्य की सराहना या आलोचना बिना सोचे-समझे न करना। गुट निरपेक्ष आंदोलन की नीति अपनाने वाला राष्ट्र अपने लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति का निर्धारण करता है। वह राष्ट्र अच्छाई या बुराई, उचित एवं अनुचित का निर्णय अपने विवेक से करता है न कि किसी राष्ट्र के दबाव या प्रलोभन में करता है।
वीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
1. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में शक्ति संतुलन क्या है?(2014)
2. शीतयुद्ध का अर्थ एवं उसके उदय के कारण बताइए।[20134.20144.2015A,20164.2020,2023A
3. गुट निरपेक्ष आन्दोलन की प्रासंगिकता का मूल्यांकन करें। [2024A. 2015A]
4. गुट-निरपेक्षता क्या है? इसका मूल्यांकन करें।(2015A,2016A
5. गुट-निरपेक्ष आंदोलन अब अप्रासंगिक हो गया है। अपने विचार प्रस्तुत
करें।[2017A)
अथवा, गुट निरपेक्ष आंदोलन अब अप्रासंगिक है’ वर्णन करें।[2019A)(2014A,2018A,2019A/
(20224)
6. गुट-निरपेक्ष आंदोलन क्या है?
7. समकालीन विश्व में गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रासंगिकता बतायें।