हमारा पर्यावरण

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Bihar Board Class 10 Science Chapter 15 Solutions

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अनुच्छेद 15.2 पर आधारित

प्रश्न 1) क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?

उत्तर: कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिन पर सूक्ष्म जीव अपना प्रभाव डालते हैं और उन्हें सरल पदार्थों में बदल देते हैं। सूक्ष्म जीवों का असर केवल कुछ पदार्थों पर ही होता है। अत: कुछ पदार्थ ही जैव निम्नीकरणीय होते हैं। कुछ पदार्थ ऐसे भी होते हैं जिन पर सूक्ष्म जीवों का असर नहीं होता और वे सरल पदार्थों में नहीं टूटते हैं। ऐसे पदार्थों को अजैव निम्नीकरणीय कहते हैं।

प्रश्न 2) ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

उत्तर:

  1. जैव निम्नीकरणीय पदार्थ अपघटित होकर दुर्गन्ध फैलाते हैं।

  2. जैव निम्नीकरणीय पदार्थ अपघटित होकर बहुत-सी विषैली गैसें वातावरण में मिलाते हैं जिससे वायु प्रदूषण फैलता है।

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प्रश्न 3) ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

उत्तर:

  1. अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण में लंबे समय तक रहते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। ये पदार्थों के चक्रण में बाधा पहुँचाते हैं।

  2. ऐसे बहुत-से पदार्थ जल प्रदूषण व भूमि प्रदूषण का कारण बनते हैं।

अनुच्छेद 15.2 पर आधारित

प्रश्न 1) पोषी स्तर क्या हैं? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए।

उत्तर: किसी आहार श्रृंखला के विभिन्न चरणों या स्तरों को पोषी स्तर कहते हैं। आहार श्रृंखला का उदाहरण घास → हिरन → शेर इस आहार श्रृंखला में विभिन्न पोषी स्तर निम्नलिखित हैं –

  • प्रथम पोषी स्तर घास है। यह उत्पादक है।

  • द्वितीय पोषी स्तर हिरन है। यह प्रथम उपभोक्ता है। इसे शाकाहारी भी कहते हैं।

  • तृतीय पोषी स्तर शेर है। यह उच्च मांसाहारी है।

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प्रश्न 2) पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है?

उत्तर: अपमार्जकों को प्राकृतिक सफाई एजेन्ट कहते हैं। अपमार्जकों का कार्य जैव निम्नीकरणीय पदार्थों पर होता है। ये उन पदार्थों को सरल पदार्थों में तोड़ते हैं। इस प्रकार अपमार्जक वातावरण में संतुलन बनाने का कार्य करते हैं तथा एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

अनुच्छेद 15.3 पर आधारित

प्रश्न 1) ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है?

उत्तर: ओजोन ऑक्सीजन का एक अपररूप है। इसका एक अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बना होता है। इसका अणुसूत्र 0 है। यह ऑक्सीजन के तीन अणुओं की सूर्य के प्रकाश (UV rays) की उपस्थिति में अभिक्रिया द्वारा बनती है। हमारा पर्यावरण
ओजोन पृथ्वी की सतह पर एक आवरण बनाती है जो पराबैंगनी विकिरणों से बचाती है। यह पराबैंगनी विकिरण हमारे लिए बहुत हानिकारक है। इस प्रकार यह पारितन्त्र को नष्ट होने से बचाती है।

प्रश्न 2) आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

  1. पदार्थ दो प्रकार के होते हैं – जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय। इनमें से हमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का अधिक उपयोग करना चाहिए।

  2. जैव निम्नीकरणीय पदार्थों को खाद में बदल देना चाहिए तथा अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों को चक्रण के लिए फैक्टरी में भेज देना चाहिए।

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प्रश्न 1) निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं?

(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस
(d) केक, लकड़ी एवं घास

उत्तर:
(a), (c) और (d)

प्रश्न 2) निम्न में से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं?

(a) घास, गेहूँ तथा आम
(b) घास, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी
(d) घास, मछली तथा बकरी

उत्तर:
(b) घास, बकरी तथा मानव

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प्रश्न 3) निम्न में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं?

(a) बाजार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना
(b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट (बल्ब) तथा पंखे का स्विच बंद करना
(c) माँ द्वारा स्कूटर से विद्यालय छोड़ने के बजाय तुम्हारा विद्यालय तक पैदल जाना
(d) उपरोक्त सभी

उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4) क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें)?

उत्तर: खाद्य श्रृंखला के सभी पोषी स्तरों के जीव भोजन के लिए एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। यदि किसी एक पोषी स्तर के सभी जीव मार दिए जाएँ तो पूरी खाद्य श्रृंखला नष्ट हो जाएगी। ऐसा इसलिए होता है; क्योंकि इससे खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।

 

प्रश्न 5) क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?

 

उत्तर: नहीं, सभी पोषी स्तरों के लिए प्रभाव अलग-अलग नहीं होता। यह सभी पर समान प्रभाव डालता है। किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना सम्भव नहीं है। इनका हटाना पारितंत्र में विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालता है तथा असंतुलन पैदा करता है।

 

प्रश्न 6) जैविक आवर्धन (biological magnification) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?

उत्तर: जब कोई हानिकारक रसायन जैसे डी०डी०टी० किसी खाद्यशंखला में प्रवेश करता है तो इसका सांद्रण धीरे-धीरे प्रत्येक पोषी स्तर में बढ़ता जाता है। इस परिघटना को जैविक आवर्धन कहते हैं। इस आवर्धन का स्तर अलग-अलग पोषी स्तरों पर भिन्न-भिन्न होगा। जैसे –
जल → शैवाल/प्रोटोजोआ → मछली → मनुष्य 0.02ppm 5ppm 240ppm 1600 ppm

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प्रश्न 7) हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?

उत्तर: अजैव निम्नीकरणीय कचरे के ढेर पर्यावरण में बहुत लंबे समय तक रहते हैं और नष्ट नहीं होते। अत: वे बहुत-सी समस्याएँ उत्पन्न करते हैं; जैसे –

  • ये जल प्रदूषण करते हैं जिससे जल पीने योग्य नहीं रहता।

  • ये भूमि प्रदूषण करते हैं जिससे भूमि की सुन्दरता नष्ट होती है।

  • ये नालियों में जल के प्रवाह को रोकते हैं।

  • ये वायुमंडल को भी विषैला बनाते हैं।

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प्रश्न 8) यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?

 

उत्तर: जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट लंबे समय तक नहीं रहते हैं। अतः उनका हानिकारक प्रभाव वातावरण पर पड़ता तो है पर केवल कुछ समय के लिए ही रहता है। ये पदार्थ लाभदायक पदार्थों में बदले जा सकते हैं तथा सरल पदार्थों में तोड़े जा सकते हैं। अतः हमारे वातावरण पर इनका भी प्रभाव पड़ता है लेकिन केवल कुछ समय तक ही रहता है।

प्रश्न 9) ओज़ोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

उत्तर: ओजोन परत की क्षति हमारे लिए अत्यंत चिंता का विषय है क्योंकि यदि इसकी क्षति अधिक होती है तो अधिक-से-अधिक पराबैंगनी विकिरणें पृथ्वी पर आएँगी जो हमारे लिए निम्न प्रकार से हानिकारक प्रभाव डालती हैं –

  • इनका प्रभाव त्वचा पर पड़ता है जिससे त्वचा के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

  • पौधों में वृद्धि दर कम हो जाती है।

  • ये सूक्ष्म जीवों तथा अपघटकों को मारती हैं इससे पारितंत्र में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है।

  • ये पौधों में पिगमेंटों को नष्ट करती हैं।

ओजोन परत की क्षति कम करने के उपाय –

  • एरोसोल तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन यौगिक का कम-से-कम उपयोग करना।

  • सुपर सोनिक विमानों का कम-से-कम उपयोग करना।

  • संसार में नाभिकीय विस्फोटों पर नियंत्रण करना।

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