प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर 2024 प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन का subjective क्वेश्चन यहां पर दिया गया है। जो मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। तथा प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन का सब्जेक्टिव क्वेश्चन भी आपको यहां पर मिल जाएगा। जिसको आप आसानी से पढ़ सकते हैं। और उसका पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं। Class 10th प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर)
प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रश्न 1) अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: अवतल दर्पण का मुख्य अक्ष वह बिंदु होता है जिस पर प्रकाश की किरणें सीधी दर्पण पर पड़ने के बाद वह एक बिंदु पर मिलती है या अभिसारित होती है तो उसे अवतल दर्पण का मुख्य फोकस समझा जाता है यह मुख्य फोकस वस्तु के समान दिशा में हमेशा स्थित होता है
प्रश्न 2) एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी? (2014, 16, 17, 18)
हल:
हम जानते हैं, की
R =2f
f = R2
दिया गया
R = 202
f = 10 cm
अतः गोलीय दर्पण की फोकस दूरी 10 cm है।
प्रश्न 3) उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके।
उत्तर: अवतल दर्पण का प्रतिबिंब हमेशा सीधा तथा आवर्धित बनता है प्रतिबिंब हमेशा लेंस के फोकस प्रकाशिक केंद्र के मध्य बनता है
प्रश्न 4) हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर: वाहनों में हमेशा उत्तल दर्पण का उपयोग पीछे की वस्तुओं को देखने के लिए प्रयोग होता है क्योंकि वह वस्तु दूर क्षेत्र तथा सिधा और छोटा प्रतिबिंब का निर्माण करता है जिससे चालक को आसानी से पीछे का दृश्य दिखाई पड़ता है इसलिए हमेशा वाहनों में उत्तल दर्पण का प्रयोग साइड मिरर के रूप में प्रयोग होता है
अनुच्छेद 10.2.3 और 10.2.4 पर आधारित
प्रश्न 1) उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।
हल:
हम जानते हैं कि
R = 2f
∴ f = R2
दिया गया है
R = 32 cm
∴ f = 322
∴ f = 16 cm
इस प्रकार उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 16 सेंटीमीटर प्राप्त होगी
प्रश्न 2) कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुना आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है?
हल:
दिया है,
u = 10 cm तथा आवर्धान क्षमता m = 3
हम जानते हैं,
m = −υu
या 3u = υ
u = -30 cm
∴ प्रतिबिंब अवतल दर्पण के सामने ध्रुव से 30 cm की दूरी पर बनेगा।
अनुच्छेद 10.3, 10.3.1 और 10.3.2 पर आधारित
प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रश्न 1) वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों ?
उत्तर: जब वायु में प्रकाश की किरणें गमन करती हुई जल में जब तिरछे रूप में प्रवेश करती है तो उसे दौरान वह अभिलंब की और झुकती हुई प्रतीत होती है क्योंकि उसे दौरान जल में प्रवेश करने पर उसका वेग भी कम हो जाता है इसलिए प्रकाश की किरण जल में तिरछी दिखाई पड़ती है
बिहार बोर्ड के सभी विद्यार्थी आप प्रकाश के परावर्तन के नोट्स पीएफ और हमारे पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं
प्रश्न 2) प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात् में प्रकाश की चाल 3 x 10 m/s है।
उत्तर: अपवर्तनांक, n = 1.5
काँच की प्लेट में प्रकाश की चाल v = ?
निर्वात में प्रकाश की चाल, C = 3×108 m/s
N = c/v [v=c/n=3×108/1.5
= 2×108m/s
प्रश्न 3) सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर: हम जानते हैं की सबसे अधिक प्रकाशित घनत्व हीरा में होता है जबकि सबसे न्यूनतम प्रकाशित घनत्व वायु में होता है इस प्रकार प्रकाशित घनत्व को हम ज्ञात कर सकते हैं
प्रश्न 4) आपको केरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर: प्रकाश की किरण की सबसे तीव्र गति जल में होती है जबकि की केरोसिन तथा तारपीन के तेल में प्रकाश का घनत्व या अपवर्तनांक बहुत कम हो जाता है
प्रश्न 5) हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: हम जानते हैं कि ,हीरे का अपवर्तनांक 2.42 होता है ऐसा इसलिए होता है की हीरा का क्रांतिक कोण लगभग 24 डिग्री होता है, उसे दौरान हीरे के भीतर अधिक से अधिक किरण पहुचती हैं जहां हीरे का प्रकाशिक घनत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है, तथा प्रकाश की चाल इसमें बहुत धीमी हो जाती है,
अनुच्छेद 10.3.3 से 10.3.8 पर आधारित
प्रश्न 1) किसी लेंस की 1 डायॉप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2) कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उलटा प्रतिबिंब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब उसी साइज़ का बन रहा है जिस साइज़ का बिंब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, प्रतिबिंब की दूरी, υ = 50 cm
m = 1
p = 1f = ?
∴ m = υu
∴ 1 = υu ⇒ υ = u
∴ u = -50 cm
∴ वस्तु की दूरी = 50 cm
∴ 1υ – 1u = 1f = 150 – 150 = 1f = 1+150 = 1f
∴ f = 25cm
लेंस की क्षमता P = 125 x 100
∴ P = 4 डायॉप्टर
प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रश्न 3) 2 m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए। (2018)
हल: दिया है, फोकस दूरी, f = -2 m
अवतल लेंस की क्षमता, P = 1f
∴ p = – 12
∴ P= – 0.5 डायॉप्टर
Bihar Board Class 10 Science प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1) निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी
उत्तर:
(d) मिट्टी
प्रश्न 2) किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच
(b) वक्रता केंद्र पर
(c) वक्रता केंद्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर:
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
प्रश्न 3) किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज़ का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनंत पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर:
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रश्न 4) किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ-15 cm हैं। दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं –
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
उत्तर:
(a) दोनों अवतल
प्रश्न 5) किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवतः दर्पण है –
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर:
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रश्न 6) किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर:
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
प्रश्न 7) 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है?
प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर: अवतल दर्पण से वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए वस्तु को दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच रखना होगा। अतः वस्तु की दर्पण के ध्रुव से दूरी 0 cm से अधिक तथा 15 cm से कम कुछ भी हो सकती है। वस्तु का प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है तथा आकार में वस्तु से बड़ा है। अभीष्ट किरण आरेख संलग्न चित्र में प्रदर्शित है।
प्रश्न 8) निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैडलाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्ठी अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
(a) कार की हैडलाइट में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है; क्योंकि इसके द्वारा एक शक्तिशाली व समानांतर प्रकाशपुंज प्राप्त होता है।
(b) वाहन के पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण में उत्तल दर्पण का प्रयोग होता है; क्योंकि इसके द्वारा पीछे आ रहे वाहनों का सीधा, छोटा व पूर्ण प्रतिबिंब प्राप्त होता है।
(c) सौर भट्ठी में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है; क्योंकि यह सूर्य-प्रकाश की किरण को संकेन्द्रित कर देता है जिससे ऊष्मा प्राप्त होती है।
प्रश्न 9) किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज़ से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: हाँ, यह लेन्स वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब बना सकेगा। प्रायोगिक सत्यापन प्रयोग विधि सर्वप्रथम प्रकाशिक बैंच पर एक स्टैंड में उत्तल लेन्स लगाते हैं। लेन्स की फोकस – दूरी से कुछ अधिक दूरी पर, स्टैंड पर एक जलती. हुई मोमबत्ती रखते हैं। अब लेन्स के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। अब लेन्स के आधे भाग को काला कागज चिपकाकर ढक देते हैं। पुन: लेन्स के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। प्रेक्षण प्रथम दशा में मोमबत्ती का पूरा तथा उल्टा प्रतिबिम्ब दूसरी ओर से दिखाई देता है।
कागज चिपकाने के बाद भी मोमबत्ती का पूरा प्रतिबिम्ब दिखाई देता है, परन्तु इसकी तीव्रता पहले की तुलना में कम हो जाती है। व्याख्या मोमबत्ती के किसी बिन्दु से चलने वाली विभिन्न किरणें लेन्स के विभिन्न भागों से अपवर्तित होकर किसी एक-ही बिन्दु पर मिलेंगी। आधा लेन्स काला कर देने पर भी उस बिन्दु पर प्रकाश किरणें आएँगी अर्थात् मोमबत्ती का पर्दे पर पूरा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा, परन्तु प्रतिबिम्ब की तीव्रता घट जाएगी, क्योंकि प्रकाश किरणों की संख्या कम हो जाएगी।
प्रश्न 10) 5 cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, h1 = 5 cm, u=-25 cm तथा f = + 10 cm
सूत्र
1υ – 1u = 1f
1υ = 1u + 1f
1υ = 110 – 125
1υ = 5−250 = 350
υ =503 = 16.66 cm
अतः प्रतिबिंब लेंस की दूसरी तरफ 16.66 cm की दूरी पर प्राप्त होगा तथा वास्तविक व उलटा होगा।
अब,
h2= – 3.33 cm
अत : प्रतिबिंब उलटा तथा 3.33 cm ऊँचाई का होगा।
प्रश्न 11) 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
हल:
दिया है,
f = -15 cm, y = -10 cm तथा u = ?
सत्र = 1υ – 1u = 1f
110 – 1u = 1−15
1−10 – 1u = 1−15
−110 + −115 = 1u
1u = −3+230
u = -30 cm
अतः वस्तु अवतल दर्पण से 30 cm दूर रखी है।
प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रश्न 12) 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, f = 15 cm, u = -10 cm, y = ?
सूत्र,
1υ + 1u = 1f
– 1u = 1f – 1u = 115 + 110
1υ = 2+330
1υ = 530 = 1u = 530 = u = 305
υ = 6 cm
अतः प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6 cm दूर प्राप्त होगा तथा आभासी और सीधा होगा।
प्रश्न 13) एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर: धनात्मक चिह्न का अर्थ है कि समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी और सीधा है तथा प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार जितना है।
प्रश्न 14) 5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज़ ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, u =-20 cm, R = 30 cm, h1 = 5.0 cm
तथा f = R2 = 302 = 15m
सूत्र, 1υ + 1u = 1f
1u + 1−20 = 1+15
1u = 115 + 120 = 4+360 = 760 u = 607cm = 8.57 cm
अतः प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 8.57 cm दूर बनेगा।
सूत्र m = h2h1 = −υuसे,
h2h1 = 8.5720
h2 = 8.57×520−υu = 2.175 cm
अतः प्रतिबिंब आभासी, सीधा और 2.175 cm ऊँचा है।
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प्रश्न 15) 7.0 cm साइज़ का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके? प्रतिबिंब का साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, h1 = 7 cm, u=-27 cm, f = -18 cm, υ = ?, h2 = ?
सूत्र, 1υ – 1u = 1f
1υ = 1f – 1u
1υ = 1−18 + 127
1υ = −3+254
1υ = – 154
υ = – 54 cm
अतः पर्दे को दर्पण के सामने 54 cm दूर रखना होगा।
अब
h2 = -14 cm
प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा 14 cm ऊँचा होगा।
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प्रश्न 16) उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता -2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है?
हल:
दिया है, लेंस की क्षमता, P = -2.0D
सूत्र,
P = 1f से,
∴ – 2 = 1f
f = – 12 n
f = −12 x 100 cm = -50 cm
चूँकि फोकस दूरी ऋणात्मक है; अतः लेंस अवतल होगा।
प्रश्न 17) कोई डॉक्टर +1.5 D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
हल:
दिया है, लेंस की क्षमता, P = +1.5 D
p = 1f से,
∴ + 1.5 = 1f
f = 11.5m = 1015m = 23m = + 0.67 m
चूँकि लेंस की फोकस दूरी धनात्मक है; अतः लेंस की प्रकृति अभिसारी होगी।