कार्बन के अपरूप
कार्बन के अपरूप :- कार्बन कई रूपों में पाया जाता है |यह रवेदार और बेरवेदार दोनों ही रुपो में पाया जाता है |
कार्बन के बहुत रूप को , जिनके रासायनिक गुण में समानता किन्तु भौतिक गुण में अंतर रहता है|कार्बन के अपरूप कहते है |
कार्बन के मुख्य अपरूप निम्नलिखित है
कार्बन – रवेदार
- हिरा
- ग्रेफाइट
- फुलेरिन
कार्बन – बेरवेदार
- पथर कोयला – कोक ,गैस कार्बन
- चार कोल – अस्थि चारकोल , लकड़ी चारकोल
- काजल
रवेदार कार्बन
हिरा – हिरे की संरचना नियमित चार फलकीय होती है जिसमे कार्बन का कोई एक परमाणु चार फलकीय के केंद्र में रहता है | हीरे में कार्बन sp3 प्रसंकरण रहता है | सभी कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणु के साथ बंधे रहते है | यह संरचना त्रिविम में बढ़कर वृहद् अणु बनाती है |
हिरा में कार्बन- कार्बन की लम्बाई 154 pm होती है |हिरा कठोर होता है | कारण इसमे कार्बन -कार्बन की बंधन शक्ति बहुत मजबूत होती है | हिरा का द्रवारांक तथा क्थांनांक उच्च होता है |
ग्रेफाइट
ग्रेफाइट में कार्बन sp 2 प्रंसंक्रण होताहै और सभी कार्बन परमाणु तिन अन्य कार्बन परमाणु के साथ बंधा रहता है | इसमे कार्बन -कार्बन की बंधन की लम्बाई 142 pm होती है | ये सतहे एक दुसरे से कमजोर वंडर वाल द्वारा बंधा रहता है |
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