विद्युत पाठ 12 | Electricity
Chapter 12 विद्युत
विधुत धारा– आवेश के प्रवाह को विधुत धारा कहते हैं।
चालक– ऐसे पदार्थ जिनसे होकर विधुत आवेश एक भाग से दूसरे भाग तक जाता है, चालक कहे जाते हैं। जैसे- धातु, मनुष्य या जानवर का शरीर, पृथ्वी आदि।
विधुतरोधी– ऐसे पदार्थ जिनसे होकर विधुत आवेश एक भाग से दूसरे भाग तक नहीं जाता है, विधुत रोधी कहे जाते हैं। जैसे- काँच, प्लैस्टिक, रबर, लकड़ी आदि।
विधुत विभव– किसी बिंदु पर विधुत विभव कार्य का वह परिणाम है जो प्रति एकांक (इकाई) आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किया जाता है।
यदि आवेश q को अनंत से किसी बिंदु p तक लाने में किया गया कार्य w हो, तो उस बिंदु p पर विधुत विभव होता है-
V = W/q
विभवांतर– किन्ही दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर की माप उस कार्य से होती है जो प्रति एकांक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया जाता है।
यदि एक आवेश q को बिंदु B से बिंदु A तक लाने में किया गया कार्य VAB हो, तो A और B के बीच विभवांतर
VAB= W/q
सेल या बैटरी– सेल या बैटरी एक ऐसी युक्ति है, जो अपने अंदर हो रहेरासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा सेल के दोनों इलेक्ट्रोडों के बीच विभवांतर बनाए रखती है।
विधुत परिपथ– जिस पथ से होकर विधुत-धारा का प्रवाह होता है, उसे विधुत-परिपथ कहते हैं।