राम बिनु बिरथे जगि जनमा
| क्लास 10th का हिंदी का | कक्षा 10 हिन्दी गोधूलि भाग 2| काव्य खण्ड | पाठ -1 | राम नाम बिनु बिस्थे जगि जनमा
प्रश्न 1.कवि किसके बिना जगत् में यह जन्म व्यर्थ मानता है ?
उत्तर- कवि राम नाम के बिना जगत में जन्म लेना व्यर्थ मानता है वह व्यक्ति विष खाता है और विष बोलता है और बिना किसी कर्म के इस जीवन से मिट जाता है |इस लिए कवि कहते है राम नाम के बिना जगत में जन्म लेना व्यर्थ मानता है
प्रश्न 2.वाणी कब विष के समान हो जाती है ?
उत्तर- वह व्यक्ति जो विष खाता है तथा विष बोलता है उसकी वाणी विष के समान हो जाती है यथार्थ कवि कहते है की मनुष्य को अपनी जीवन में सत्य का उच्चारण से मानव जीवन के कल्याण होता है
प्रश्न 3.नाम-कीर्तन के आगे कवि किन कर्मों की व्यर्थता सिद्ध करता है?
उत्तर- कवि गुरु नानक कहते है की पुस्तक के पाठ से तथा व्याकरण के व्यखान से तथा संध्या के कर्म से मनुष्य को मुक्ति नही मिलती है राम नाम के द्वारा मनुष्य को मुक्ति मिल सकती है तथा जो व्यक्ति नाम कीर्तन नही करता है वह सांसारिक जीवन में उलझकर मर जाता है
प्रश्न 4.प्रथम पद के आधार पर बताएं कि कवि ने अपने युग में धर्म-साधना के कैसे-कैसे रूप देखे थे?
उत्तर-
राम बिनु बिरथे जगि जनमा
प्रश्नोत्तर
राम बिनु बिरथे जगि जनमा
प्रश्नोत्तर