परिवहन , संचार एवं व्यापार

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I. वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर :
1. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय देश में सड़कों की कुल लंबाई कितनी थी ?
( क ) 2.42 लाख किमी . ( ख ) 1.46 लाख किमी . ( ग ) 3.88 लाख किमी . ( घ ) -5.78 लाख किमी ० उत्तर — ( ग )
2. पक्की सड़कों की लंबाई की दृष्टि से कौन राज्य प्रथम स्थान पर है ?
( क ) महाराष्ट्र ( ख ) बिहार ( ग ) तमिलनाडु ( घ ) केरल
उत्तर- ( क )
3. निम्नलिखित में कौन भारत में सड़कों का एक वर्ग नहीं है ?
( क ) पूरब – पश्चिम गलियारा ( ख ) एक्सप्रेस – वे ( ग ) सीमांत सड़क ( घ ) स्वर्णिम – त्रिभुज राजमार्ग . उत्तर- ( घ )
4. भारत के किन शहरों में मेट्रो रेल सेवा उपलब्ध है ? ( क ) दिल्ली एवं बेंगलुरू ( ख ) दिल्ली एवं कोलकाता ( ग ) दिल्ली एवं मुंबई ( घ ) कोलकाता एवं चेन्नई
उत्तर- ( ख )
5. किस वर्ष इंडियन एयरलाइंस को ‘ इंडियन ‘ नाम दिया गया ?
( क ) 2006 ( ख ) 2003 ( ग ) 2008 ( घ ) 2005 उत्तर- ( घ )
6. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन कब किया गया ?
( क ) 1986 ( ख ) 1988 ( 71 ) 1985 ( घ ) 1989 उत्तर- ( क )
7. एनौर पतन किस राज्य में है ?
( क ) गुजरात( ख ) गोवा ( ग ) तमिलनाडु ( घ ) कर्नाटक
उत्तर — ( ग )
8.भारत को कुल कितने डाक क्षेत्रों में बांटा गया है ? ( क ) 7 ( ख ) 5 ( ग ) 6 ( घ ) 8
उत्तर- ( घ )
9. देश में कितने विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित हैं ? ( क ) 8 ( ख ) 10 ( ग ) 15 ( घ ) 5
उत्तर- ( क )

10. फाल्टा विशेष आर्थिक क्षेत्र कहाँ स्थित है ?
( क ) बिहार ( ख ) प . बंगाल ( ग ) केरल ( घ ) उड़ीसा
उत्तर- ( ख )

 

 

II .लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. भारत में सड़कों के प्रादेशिक वितरण का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – प्रादेशिक वितरण की दृष्टि से पक्की सड़कों की लंबाई में महाराष्ट्र प्रथम स्थान पर आता है । इसके बाद उत्तर प्रदेश एवं उड़ीसा का स्थान क्रम से है । पक्की सड़कों की सबसे कम लंबाई लक्षद्वीप में मात्र 01 किलोमीटर है । जबकि सड़कों के घनत्व की दृष्टि से केरल प्रथम स्थान पर है । यहाँ प्रति 100 वर्ग किमी क्षेत्र पर 387 किमी लंबी सड़क है । उत्तर भारत में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व पंजाब में 122 किमी तथा उत्तर – पूर्वी राज्यों में त्रिपुरा का 134 किमी ० है । जबकि केन्द्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ में 1176 किमी . तथा पूरे देश में सर्वाधिक सड़क घनत्व दिल्ली में 17381 किमी . प्रति 100 वर्ग किमी है ।

2. भारतीय रेल परिवहन की प्रमुख विशेषताओं को लिखिए ।
उत्तर — भारतीय रेल परिवहन को प्रमुख विशेषताएँ हैं ( i ) रेल मंत्रालय रेल यात्री बीमा योजना चला रही हैं । ( ii ) माल ढुलाई के लिए निजी कंटेनर एवं वैगन का प्रयोग मालगाड़ियों में किया जा रहा है ।
( iii ) ट्रेनों को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इंजनों में ए.सी.डी. की व्यवस्था की गई है ।
( iv ) कोलकाता एवं दिल्ली में मेट्रो रेल के तहत भूमिगत रेल सेवा दी जा रही है ।
( v ) पर्वतीय भागों में स्पेशल गेज वाली रेल चलाई जा रही हैं ।
( vi ) बड़े शहरों में दैनिक यात्रियों के आवागमन के लिए डो.एम.यू. , ई.एम.यू. एवं मेमू गाड़ियाँ चलाई जा रही हैं ।
( vii ) कुछ विशेष रेलगाड़ियाँ छुट्टियों के दिनों में चलाई जाती है ।
( viii ) भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी तथा विश्व की तीसरी बड़ी रेल प्रणाली है ।
3. भारत के विभिन्न डाक चैनल का संक्षिप्त विवरण दीजिए ।
उत्तर – डाक विभाग द्वारा सेवा में तीव्रता लाने रही है । ये चैनल हैं लिए कई डाक चैनल का उपयोग कर रही है यह चैनल हैं-
( i ) राजधानी चैनल डाक घर में पीले रंग की लगी पत्र – पेटियों में डाले गये पत्र अथवा लिफाफा सीधे नई दिल्ली पहुंचायी जाती है फिर उसका वितरण होता है|
( ii ) मैट्रो चैनल मैट्रो शहरों तक चिट्ठियाँ अथवा लिफाफे पहुंचाने के लिए नीले रंग की पत्र – पेटियाँ उपयोग में है ।
( iii ) ग्रीन – चैनल स्थानीय पिनकोड अकित डाक पत्रों को हरे रंग वाली पत्र – पेटी में डाला जाता है । ( iv ) दस्तावेज चैनल समाचार पत्रों एवं विभिन्न पत्रिकाओं को भेजने के लिए इसका उपयोग किया जाता है ।
( v ) अन्य चैनल – बड़े व्यावसायिक संगठनों के डाक पत्रों के लिए भारी चैनल एवं छोटे संगठनों के लिए व्यापार चैनल का उपयोग किया जाता है ।
4 . भारत की आयात – निर्यात वाली वस्तुओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – भारत से निर्यात की जानेवाली वस्तुओं में इंजीनियरी सामान , पेट्रोलियम उत्पाद , रल और आभूषण , रसायन एवं संबद्ध उत्पाद , वस्त्र , कृषि एवं संबंधित उपकरण एवं उत्पाद , अयस्क एवं खनिज शामिल है । जबकि आयात की जानेवाली वस्तुओं में पेट्रोलियम एवं संबंधित उत्पाद , मशीनरी , इलेक्ट्रॉनिक सामान , सोना , चाँदी , उर्वरक , रसायन , अलौह धातुएँ एवं अन्य सामान शामिल हैं ।
5. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्गों के बारे में लिखिएl
उत्तर – देश में 5 आंतरिक राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित है । ये हैं ।
1. राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या -1 यह इलाहाबाद से हल्दिया के बीच गंगा नदी में 1620 किमी ० लंबा है । 2. राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या -2 यह सदिया से धुबरी तक ब्रह्मपुत्र नदी में 891 किमी लंबा है ।
3. राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या -3 कोलम से कोट्टापुरम तक पश्चिम तट नहर में 205 किमी लंबा है ।
4. राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या -4 पुडुचेरी – काकीनाडा नहर के सहारे गोदावरी – कृष्ण नदियों में 1095 किमी लंबा है ।
5. राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या -5 यह उड़ीसा में ईस्ट – कोस्ट कनाल , मताई नदी , ब्राह्मणी नदी तथा महानदी डेल्टा के सहारे 623 किमी लंबा है ।

III . दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – एक विकासशील देश होने के कारण भारत का विश्व के सभी भौगोलिक प्रदेशों एवं व्यापारिक खंडों के साथ व्यापारिक संबंध है । स्वतंत्रता – प्राप्ति के बाद और विशेषकर 1990 91 के उदारीकरण , निजीकरण एवं वैश्वीकरण की नीति अपनाए जाने के बाद देश में औद्योगिक एवं सामाजिक – आर्थिक विकास तेजी से हुआ है । 1950-51 में भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार 1214 करोड़ रु . का हुआ था जो 1990-91 में 75751 करोड़ रु . का तथा 2007-08 में बढ़कर 160.5022 करोड़ रु . का हो गया ।
कुल व्यापार में वृद्धि उल्लेखनीय है परंतु इस अवधि में देश का आयात , निर्यात की अपेक्षा काफी बढ़ा है , जो प्रतिकूल व्यापार संतुलन का द्योतक है ।
2006-07 और 2007-08 के दौरान देश में कुल गर्यात का सर्वाधिक 51.54 % निर्यात एशिया – ओशियाना को हुआ , साथ ही सर्वाधिक आयात 65.52 % भी इसी क्षेत्र से हुआ है ।
भारत में आयात की जानेवाली वस्तुओं में पेट्रोलियम एवं संबंधित उत्पाद , मशीनरी , इलेक्ट्रॉनिक सामान , सोना , चाँदी , उर्वरक , रसायन इत्यादि प्रमुख हैं जबकि यहाँ से निर्यात की उत्पाद , खनिज इत्यादि शामिल हैं । जानेवाली वस्तुओं में इंजीनियरी सामान , पेट्रोलियम उत्पाद , रत्न और आभूषण , रसायन , वस्त्र , कृषि उत्पाद खनिज आदि शामिल है|
भारत सरकार ने निर्यात संवर्धन के लिए 2004 में विदेश व्यापार नीति की भी घोषणा की है जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा दुगुणा करना है । निर्यात संवर्द्धन के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र नियम 2006 से प्रभावी है तथा 8 निर्यात संवर्द्धन क्षेत्रों को विशेष आर्थिक क्षेत्र में बदल दिया गया है ।

2 . भारत में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की सड़कों का विस्तृत विवरण दीजिए ।
उत्तर – सड़क मार्ग परिवहन का सबसे सुलभ साइन है । देश में सड़कों की कुल लंबाई लगभग 33 लाख किमी है । परंतु सभी सड़कें एक प्रकार की नहीं हैं । नागपुर सड़क योजना के अनुसार देश में चार प्रकार की सड़कें हैं-
( i ) राष्ट्रीय राजमार्ग यह राजमार्ग देश के विभिन्न राज्यों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं । ऐसी सड़कों की कुल लंबाई 66590 किमी है जो देश की कुल सड़क लंबाई का मात्र राष्ट्रीय राजमार्ग सभी 2 % है । इस पर देश को कुल यातायात का 40 % भाग ढोया जाता पक्की सड़के हैं । देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -07 है जो 2369 किमी लंबा है । यह वाराणसी से कन्या कुमारी तक जाती है|
देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने व्यापक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना शुरू की है जिसके तहत चरण -1 एवं चरण -1 के अंतर्गत स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग , पूरब – पश्चिम तथा उत्तर – दक्षिण गलियारा , एक्सप्रेस – वे जैसी सड़कें विकसित की जा रही है ।
( ii ) राज्य राजमार्ग – इस प्रकार की सड़कों की कुल लंबाई देश की कुल सड़कों का 4 % है । ऐसी सड़कें राज्यों की राजधानी को विभिन्न जिला मुख्यालयों से जोड़ती हैं । इन सड़कों के निर्माण एवं देख – रेख राज्य सरकार करती है ।
( iii ) जिला सड़कें ये सड़क राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों को जोड़ने का काम करती है । देश के कुल सड़कों में इनका हिस्सा 14 % है । क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से ये सड़क महत्वपूर्ण हैं ।
( iv ) ग्रामीण सड़कें ये सड़के विभिन्न गाँवों को एक – दूसरे से जोड़ने का काम करती है । इसके अंतर्गत देश की कुल सड़कों का 80 % भाग शामिल है । प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत इन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है ।
( v ) सीमांत सड़कें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमावर्ती इलाकों में इन सड़कों का निर्माण एवं रख – रखाव सीमा सड़क संगठन करता है ।

3. भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवहन एवं संचार साधनों की महत्ता को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – भारत में परिवहन के सभी साधन उपलब्ध हैं । जिसमें सड़क परिवहन का सर्वसुलभ एवं सबसे सस्ता साधन है । सड़कों के बिना विकास की कल्पना अधूरी है । वस्तुओं एवं सेवाओं का आवागमन एवं स्थानांतरण सड़क मार्ग के द्वारा ही होता है । यह ऐसा परिवहन साधन है जो लोगों की आवश्यकता के अनुसार कहीं भी बनाया जा सकता है । यह सभी दूसरे परिवहन साधनों के पूरक के रूप में भी काम करता है । यह परिवहन घर – घर सेवाएँ उपलब्ध कराने वाला एकमात्र साधन है । 2003-04 में कुल यातायात में सड़कों के जरिए माल ढुलाई 600 अरब टन किमी . हुआ जबकि यात्रियों की आवाजाही 3135 अरब किमी हुआ ।
रेल दूसरा प्रमुख परिवहन साधन है । प्रतिदिन लगभग 1.24 करोड़ यात्रियों को यातायात की सुविधा यह देता है । 2006-07 में इस परिवहन साधन द्वारा लगभग 6 अरब 21 करोड़ 90 लाख यात्रियों ने यात्रा की । इसी अवधि में 773.2 मिलियन टन राजस्व अर्जक माल की ढुलाई हुई । इससे देश की अर्थव्यवस्था में रेलवे का महत्व स्पष्ट है ।
वायु परिवहन , परिवहन का तीव्रतम किंतु महँगा साधन है । लंबी दूरी की यात्रा इससे काफी कम समय में तय की जाती है । भारतीय विमानपतन प्राधिकरण द्वारा 2007-08 के दौरान 13.08 लाख हवाई उड़ानों , 116.81 मिलियन यात्री तथा 17.14 लाख मैट्रिक टन सामान के आवाजाही का प्रबंधन किया गया । इससे वायु परिवहन की महत्ता अर्थव्यवस्था में स्पष्ट है ।
भारत केन्द्र विदेशी एवं घरेलू व्यापार में जलमार्ग का महत्वपूर्ण स्थान है । पाँच राष्ट्रीय जलमार्ग एवं 12 बड़े बंदरगाहों की सहायता से ही भारत का व्यापार हो रहा है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती जा रही है ।
संचार साधनों में देश में डाक सेवा , टेलीग्राम , टेलीफोन , फैक्स , रेडियो , सिनेमा , समाचार पत्र पत्रिकाएँ , इंटरनेट एवं ई – मेल सभी उपलब्ध है । इनके बिना संदेशों का आदान – प्रदान संभव नहीं है ।
इस प्रकार उपर्युक्त वर्णन से देश की अर्थव्यवस्था में परिवहन एवं संचार के साधनों का महत्व स्पष्ट है ।

4. भारत में पाइपालाइन परिवहन का वर्णन कीजिए ।    
उत्तर – पाइपलाइन परिवहन का एक प्रमुख साधन है । शहरों में घर – घर तक पानी पहुंचाने के लिए इसी का इस्तेमाल किया जाता है परंतु आज इसके उपयोग में वृद्धि आई है । पाइपलाइन के जरिए पेट्रोलियम , प्राकृतिक गैस एवं ठोस पदार्थों का भी परिवहन किया जाने लगा है । भारत में पेट्रोलियम उत्पादन क्षेत्रों में वृद्धि तथा आयात में वृद्धि क कारण इस मार्ग का विस्तार होता जा रहा है । 2004 ई . में देश में पाइपलाइनों की कुल लंबाई 18546 किमी हो गया हैl
पेट्रोलियम उत्पादों के वितरण की दृष्टि से कुछ प्रमुख पाइपलाइन हैं –
( i ) गुवाहाटी – सिलिगुड़ी पाइपलाइन । ( ii ) बरौनी – कानपुर – लखनऊ पाइपलाइन । ( iii ) मंगलौर – हासन – बेंगलुरु पाइपलाइन । ( iv ) चन्नई – त्रिची पाइपलाइन । ( v ) मुंबई – मनमाड – इंदौर एवं मुंबई – पुणे पाइपलाइन ।
देश का सबसे बड़ा उत्पाद पाइपलाइन जाल नहरकटिया – गुवाहाटी – सिलीगुड़ी – बरौनी – कानपुर राजबंद – मौनग्राम – हल्दिया पाइपलाइन है ।
ठोस पदार्थों के परिवहन के लिए कुद्रेमुख – मंगलौर पाइपलाइन प्रसिद्ध है । जबकि कच्चा तेल परिवहन के लिए डिगबोई – बरौनी – हल्दिया पाइपलाइन मुख्य है । इसी तरह पश्चिम में कांडला – अजमेर – पानीपत जमनगर – चाकसू – मथुरा पाइपलाइन महत्वपूर्ण है । दक्षिण भारत में विशाखापत्तनम – विजयवाड़ा – हैदराबाद पाइपलाइन मुख्य है । इसी पाइपलाइन के समानांतर एल.पी. जी . पाइपलाइन भी है । गुजरात में हजीरा से लेकर उत्तर प्रदेश तक 1730 किमी . लंबा हजीरा – विजयपुर – जगदीशपुर गैस पाइपलाइन ( एच . बी . जे . ) भारत का सबसे लंबा गैस पाइपलाइन है ।
इस प्रकार स्पष्ट है कि देश में पाइपलाइन परिवहन का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है ।

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