कृषि (2)
कृषि (2)
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
( क ) भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण अनाजों के नाम बताएं ।
उत्तर — भारत के प्रमुख महत्वपूर्ण अनाज हैं चावल , गेहूँ ।
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( ख ) भारत में कौन – से तीन प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते हैं ?
उत्तर – भारत में तीन प्रमुख मोटे अनाज हैं — ज्वार , बाजरा और रागी ।
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( ग ) भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताएँ । उत्तर – भारत की तीन नकदी फसलों के नाम हैं चाय , कहवा तथा कपास ।
( घ ) हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपण फसल कौन – सी है ?
उत्तर – हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपण फसल है चाय ।
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2. अंतर बताएँ –
( क ) नगदी फसल और रोपण फसल ।
उत्तर – रोपण फसल — यह एक प्रकार की व्यापारिक कृषि है । इस कृषि में उद्योग की भाति मैनेजर एवं मजदूर की व्यवस्था होती है और मिल मालिक की तरह इसमें कृषक की स्थिति होती है । इसका उत्पादन उद्योग में कच्चे माल की भांति उपयोग किया जाता है । नकदी फसल इस कृषि में किसान अधिक पूंजी , कृषि तकनीक का निवेश किया जाता है । इसमें अधिक पैदा देनेवाले परिष्कृत बीज , रासायनिक बीज , सिंचाई , रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता है ।
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( ख ) व्यापारिक कृषि और निर्वाहक कृषि ।
उत्तर – व्यापारिक कृषि में फसलें व्यापार के लिए उपजाई जाती हैं । इस कृषि में अधिक पूँजी , आधुनिक कृषि तकनीक का निवेश किया जाता है । इस कृषि में अधिक पैदावार देने वाले परिष्कृत बोज , रासायनिक खाद , सिंचाई , रासायनिक कीटनाशक आदि का उपयोग किया जाता है । इसलिए , किसान अधिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं । इस कृषि पद्धति को भारत में बड़े स्तर पर पंजाब एवं हरियाणा में अपनाया गया । इस कृषि पद्धति के अन्तर्गत मुख्य रूप से गेहूँ की खेती की जाती है । पंजाब और हरियाणा में इस पद्धति के अन्तर्गत बासमती चावल की खेती भी होती है ।
निर्वाह – कृषि — यह प्राचीन काल की कृषि का तरीका है । इसमें परंपरागत तरीके से खेती की जाती है । इसमें खेती करने के लिए परंपरागत औजार जैसे – खुरपी , हल , कुदाल आदि का उपयोग किया जाता है । इसमें जमीन की जुताई गहराई से नहीं हो पाने के कारण बीजों को जैसे – तैसे बो दिया जाता है और फसल पकने पर कताई कर ली जाती है । इस कृषि में आधुनिक तरीके का प्रयोग नहीं किया जाता है , जिसकी वजह से उपज कम होती है । इसमें भूमि की उत्पादकता कम होने के कारण प्रति इकाई उत्पादन भी कम होता है । इसमें फसल उत्पादन मुख्यतः जीविका निर्वाह के लिए किया जाता है । मणिपुर में इस कृषि को ” पामलू ” अंडमान निकोबार तथा छत्तीसगढ़ के बक्सर जिले में ‘ दीपा ‘ कहते हैं । उत्तर पूर्वी राज्य में असम और मेघालय , मिजोरम और नागालैंड में इसे ‘ झूम ‘ कहते हैं ।
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3. निम्नलिखित में से प्रत्येक के लिए एक शब्द लिखें ।
( क ) हमारे देश में मॉनसून के आरंभ में बोई जाने वाली और शरद ऋतु में काटी जाने वाली फसल । उत्तर – खरीफ फसल ।
( ख ) वर्षा के पश्चात् जाड़े में बोई जाने वाली और बसंत में काटी जाने वाली फसलें ।
उत्तर – रबी फसल ।
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( ग ) भूमि जिसे खेती कर के छोड़ दिया गया है ताकि उर्वरता लौट सके और उस पर पुनः खेती हो सके ।
उत्तर – चालू परती भूमि ।
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( घ ) कारखाने के उत्पादन से मिलती – जुलती वैज्ञानिक तथा व्यापारिक ढंग से की जाने वाली एक फसल खेती ।
उत्तर – व्यापारिक कृषि ।
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II. लघु उत्तरीय प्रश्न :
1 . भारत में उपजने वाली दो खाद्य , नकदी एवं रेशेवाली फसलों के नाम लिखिए ।
उत्तर – भारत में उपजने वाली दो खाद्य फसल हैं , चावल और गेहूँ , नकदी फसल हैं — चाय , कहवा , रेशेवाली फसल हैं – कपास और जूट ।
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2. उपर्युक्त फसलों के उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्यों के नाम लिखें ।
उत्तर-
उपर्युक्त फसल. राज्यों के नाम
चावल पं . बंगाल , बिहार
गेहूँ
चाय
कपास महाराष्ट्र , गुजरात
जूट नदियों का डेल्टा , गंगा का निचला मैदान
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3. भारत में उपजाए जाने वाले वर्षाधीन फसलों के नाम लिखें ।
उत्तर – भारत में उपजाए जाने वाले वर्षाधीन फसलों के नाम हैं धान , मकई , ज्वार , बाजरा , अरहर , मूंग , उरद , कपास , तिल , जूट , मूंगफली ।
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4. शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का योगदान की चर्चा कीजिए ।
उत्तर – हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है । यहाँ की जनसंख्या का 2/3 भाग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर आधारित है । यहाँ की कृषि नौनसून है । यहाँ सिंचाई का बहुत अधिक विकास नहीं हुआ है , अतः यहाँ की मात्रा का कृषि पर बहुत प्रभाव पड़ता है । यहाँ की शुद्ध राष्ट्रीय आय में 24 % आय कृषि से प्राप्त होती है ।
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5. भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारणों को संक्षेप में लिखिए ।
उत्तर – भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के निम्नलिखित कारण हैं –
( क ) सिंचाई की समुचित व्यवस्था का अभाव । ( ख ) परंपरागत तरीके से की गई कृषि ।
( ग ) उन्नत बीजों का अभाव ।
( घ ) मौनसून पर आधारित कृषि ।
( ङ ) आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीकों का अभाव । ( च ) जनसंख्या का दबाव ।
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6. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – गेहूँ की कृषि में हरित क्रांति की शुरूआत हुई । यह 1960-70 के दशक में हुआ । इसके अंतर्गत संकरित उन्नत बीज , सिंचाई , रासायनिक खाद , कीटनाशक आदि का प्रयोग कर खाद्यान्नों के उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि की गई ।
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7. भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए ।
उत्तर – भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
( क ) भारत एक कृषि प्रधान है और कृषि यहाँ की जनसंख्या की लगभग 2/3 लोगों के आजीविका के साधन है
( ख ) कृषि से यहाँ के लोगों के लिए भोजन प्राप्त होता है ।
( ग ) उद्योगों को कच्चा माल कृषि से प्राप्त होता है । जैसे – जूती वस्त्र उद्योगों के लिए कपास , चीनी उद्योगों के लिए गन्ना आदि ।
( घ ) भारत की जलवायु और मिट्टी में विविधता पाई जाती है , जिस कारण फसलों की विविधता भी पाई जाती है ।
( ङ ) देश की राष्ट्रीय आय में कृषि का 24 % योगदान है ।
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8 . भारत में उपजाए जाने वाले प्रमुख खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों के नाम लिखिए ।
उत्तर – भारत में उपजाए जाने वाले प्रमखु खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों के नाम-
खाद्य फसल – धान , गेहूँ , मक्का , ज्वार , बाजरा ।
व्यावसायिक फसल – कॉफी , चाय , गन्ना , कपास ।
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कारण बताओ
1. कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी में अधिकांशतः होती है ।
उत्तर – कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी में अधिकांशतः की जाती है , क्योंकि टक्कन प्रदेश की मिट्टी लावा निर्मित काली मिट्टी होती है जिसमें अधिक समय तक नमी बनाने की क्षमता होती है ।
2. गन्ने की उपज उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है ।
उत्तर — गन्ना बाँस प्रजाति का एक पौधा है जिससे मीठा रस निकलता है । इस गुड़ से चीनी तथा गुड़ मिलता है । यह एक उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय फसल है । यह 21 ° से 27 ° C तापमान और
75 cm – 100 cm . वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र में इसकी खेती हो रही है । कम वर्षा वाले प्रदेश में इसकी खेती नहीं होती है ।
इसकी खेती उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है क्योंकि दक्षिण भारत में उत्तर मारत की अपेक्षा अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती है|
3. भारत कपास का आयात एवं निर्यात दोनों करता है ?
उत्तर – भारत को कपास का मूल स्थान कहा जाता है । सूती वस्त्र उद्योग के लिए कच्चा माल प्रदान करता है । यह उपोष्ण एवं उष्ण कटिबंधीय पौधा है तथा इसे 210 दिन माला रहित 1 मौसम की आवश्यकता होती है ।
भारत उच्च कोटि के कपास का उत्पादन करता है अत : वह कपास का आयात एवं निर्यात दोनों करता है ।
4. भारत विश्व का अग्रणी चाय निर्यातक देश है ।
उत्तर – चाय एक सदाबहार झाड़ी है जिसकी पत्तियों को सुखाकर चाय बनाई जाती है । इसमें थीन नामक एक पदार्थ होता है जिसके कारण इसे पीने पर ताजगी महसूस होती है भारत इसके उत्पादन में विश्व में द्वितीय स्थान पर है तथा यह उत्तम किस्म की चाय का उत्पादन करता है जिसकी पूरे विश्व में मांग होती है । इसलिए यह विश्व का अग्रणी चाय निर्यातक देश है ।