अति लघु उत्तरीय प्रश्न :
1. एक तरफा अनुबंध व्यवस्था क्या थी ?
उत्तर – एक तरफा अनुबंध व्यवस्था एक तरह की बंधुआ मजदूरी थी जहाँ मजदूरों को कोई अधिकार नहीं था , जबकि मालिक को असीमित अधिकार प्राप्त थे ।
2. बाओदायी कौन था ?
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध में हारने के पश्चात् जब जापान हिन्दचीन से निकलने लगा तो हिन्दचीनी राष्ट्र जो कई भाग में विभक्त थे , के पुराने राजवंशों को प्रतिष्ठित करने लगा । इसी क्रम में बाओदायी अन्नाम राष्ट्र का शासक देना ।
3. हिन्दी चीन का अर्थ क्या है ?
उत्तर – दक्षिणपूर्व एशिया के वियतनाम , लाओस और कम्बोडिया जो करीब 3 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में फैले है को ही हिन्द चीन कहते हैं ।
4. जेनेवा समझौता कब और किनके बीच हुआ ?
उत्तर -1954 ई . में जेनेवा समझौता हिन्दचीन समस्या के समाधान के लिये हुआ । यह विशा में पूंजीवादी व्यवस्था एवं साम्यवादी व्यवस्था के समर्थकों के बीच की सहमति थी ।
5.होआ- होआ आन्दोलन की चर्चा करें ।
उत्तर – यह एक बौद्धिक धार्मिक क्रांतिकारी आन्दोलन था । जो 1939 में शुरू हुआ था जिसके नेता इन्ह – फु – सो था । इसके क्रांतिकारी उग्रवादी घटनाओं को अजाम देने के लिये आत्मदाह भी कर लेते थे ।
लघु उत्तरीय प्रश्न :
1. हिन्दी चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें ।
उत्तर – व्यापार करने के उद्देश्य से हिन्द चीनी क्षेत्र में जानेवाले कांसिसीयों ने वहाँ अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिश की । सर्वप्रथम चीन के शासक से संधि कर अन्नाम के शासक को संधि हेतु बाध्य किया । उसके बाद कम्बोडिया को अपने संरक्षण में लिया तथा 1783 में तोकिन में आ गयी । इस प्रकार 20 वीं सदी के आरंभ में सम्पूर्ण हिन्दचीन फ्रांस की अधीनता में आ गया ।
2. रासायनिक हथियारों एवं एजेन्ट ऑरेंज का वर्णन करें ।
उत्तर – रासायनिक हथियार यह एक तरह का कार्बनिक यौगिक है जो अग्नि बमों में गैसोलिन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता है जो त्वचा से चिपक जाता है और जलता रहता है । एजेन्ट ऑरेंज एक ऐसा जहर था जिसके प्रभाव से पेड़ों की पत्तियों झुलस जाती थीं और पेड़ झुलस जाता था । जगलों को खत्म करने में इसका प्रयोग होता था । अमेरिका ने इसका उपयोग वियतनामी आबादी पर जमकर किया और आज भी इसका असर जन्मजात विकसागता एवं कैंसर के रूप में नजर आता है ।
3. हो – ची – मिन्ह के संबंध को संक्षिप्त में लिखें ।
उत्तर – हो – चिन्ह – मिन्ह एक वियतनामी था । उसने छात्र जीवन में ही साम्यवादियों का एक गुट का पेरिस में गठन किया । 1925 ई 0 में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन कर फ्रांसीसी सत्ता के विरुद्ध आवाज उठायी । 1930 ई 0 में उसने वियतनाम के बिखरे राष्ट्रवादियों को एक जुटकर वियतनाम कोंग सान देरा अर्थात वियतनाम कम्युनिष्ट पार्टी का गठन किया । अंततः संघर्ष के बदौलत और विश्वयुद्ध में फ्रांस की कमजोर स्थिति का फायदा उठा कर हो – ची – मिन्ह ने 1945 ई 0 में वियतनाम को एक स्वंतत्र गणतन्त्र घोषित कर दिया ।
4. हो – ची – मिन्ह मार्ग क्या है बतावें ।
उत्तर – हो – ची – मिन्ह मार्ग का नाम वियतनाम के महान क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी नेता के नाम पर रखा गया है । वस्तुतः यह उत्तरी वियतनाम के हनोई से चलकर लाओस . कम्बोडिया के सीमा क्षेत्र से गुजरता हुआ । दक्षिणी वियतनाम तक जाती थी जिससे सैकड़ों कच्ची – पक्की सड़क पूरे वियतनाम से निकलकर जुड़ी थी । यह मार्ग वियतनाम के लिये काफी महत्वपूर्ण मार्ग था ।
5. अमेरिकी हिन्द चीन में कैसे पुसा , चर्चा करें ।
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनकर उभरा । उसने हिन्दचीन में अब तक , फ्रांस समर्थन किया था । चूंकि रूस साम्यवादियों का समर्थन कर रहा था और अमेरिका ने साम्यवादियों के विरोध की घोषणा कर दी । इन्हीं परिस्थितियों में जेनेवा समझौते के तहत वियतनाम को दक्षिणी और उत्तरी भाग में बाँट दिया गया । उत्तरी भाग रुस के प्रभाव में और दक्षिणी भाग अमेरिका के समर्थन से बना । इस प्रकार अमेरिका हिन्द चीन में घुसा ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
1. हिन्द चीन उपनिवेश की स्थापना का उद्देश्य क्या था ?
उत्तर – सर्वप्रथम हिन्दचीन में फ्रांस ने अपना उपनिवेश स्थापित करना चाहा । क्रांस एशिया में डच , ब्रिटेन से उपनिवेश के मामले में पीछे चल रहा था । ब्रिटेन ने हिन्दचीन में अपना राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश नहीं की । अतः फ्रांस आगे बढ़ा । हिन्दचीन में विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ थे जिसका दोहन किया जा सकता था । सस्ते मजदूर और बाजार की सुविधा उपलब्ध थी । औद्योगिकरण के लिये कच्चे माल कोयला , टीन , जस्ता , टंगस्टन , क्रॉभियग और रबड़ का इस्तेमाल किया । मजदूरों से उन्होंने एकतरफा अनुबंध किया जिसमें मजदूरों के पास कोई अधिकार नहीं था । जबकि मालिकों के पास असीमित अधिकार थे । इसके अलावा अपने राजनैतिक एवं व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना भी उपनिवेश बनाने का एक प्रमुख उद्देश्य था । सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी डच और ब्रिटेन के समकक्ष आने में सहायता मिली ।
2. माईली गाँव की घटना क्या थी । इसका क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – जेनेवा समझौते के पश्चात दक्षिणी वियतनाम और उत्तरी वियतनाम बना । एक में साम्यवादी सरकार थी और दूसरे में लोकतांत्रिक । अमेरिका जो कि साम्यवाद को बढ़ने नहीं देना चाहता था ने हस्तक्षेप किया और अपने सैनिकों को वियतनाम भेज दिया । उसके बाद वियतनामी जनता पर अत्याचार शुरू हो गया । उसी संदर्भ में माई ली गाँव की घटना का जिक्र होता है । यह दक्षिणी वियतनाम का एक गाँव था जहाँ के लोगों को वियतनामी सरकार का समर्थक मानकर अमेरिकी सेना ने पूरे गाँव को घेर लिया । गाँव में निरीह गरीब जनता में पुरुषों को घेरकर मार दिया । औरतों और बच्चियों को बंधक बनाकर कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया फिर उन्हें भी मारकर पूरे गाँव में आग लगा दी । इस घटना के उजागर होने से अमेरिकी सेना की किरकिरी पूरे विश्व में होने लगी । तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन ने शांति के लिये पाँच सूत्री योजना की घोषणा की ( i ) हिन्दचीन में युद्ध बंद हो
( ii ) युद्ध विराम की देखरेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे । ( iii ) सभी लड़ाइयों बंद रहेगी
( iv ) कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयास नहीं करेगा ( v ) युद्ध विराम से हिन्द चीन से संघर्ष का अंत होना चाहिये । इसे अस्वीकार कर अमेरिका फिर युद्धरत हो गया लेकिन अमेरिका समझ चुका था कि हिन्दचीन से सेना हटानी ही पड़ेगी
3. राष्ट्रपति निक्सन के हिन्द चीन में शांति के संबंध में पाँच सूत्री योजना क्या थी ? इसका क्या प्रभाव पड़ा ? ..
उत्तर – माईली गाँव की घटना के उजागर होने और पूरे विश्व में अमेरिकी सेना की किरकिरी होने के पश्चात राष्ट्रपति निक्सन ने शाति के संबंध में पाँच की जो इस प्रकार थी ।
( i ) हिन्दचीन में संघर्षरत सभी सेनायें युद्ध बंद कर यथा स्थान पर रहेंगी ।
( ii ) युद्ध विराम की देख – रेख अंतराष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे
( iii ) इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयास नहीं करेगा ।
( iv ) युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाइयाँ बंद रहेगी बममारी से लेकर आतंकपोलाने वाली घटना तक ( v ) युद्धविराम का 2 योजना की घोषणा अतिम लक्ष्य समुचे हिन्दचीन में संघर्ष का अंत होना चाहिये । परन्तु यह शाति प्रस्ताय टूट गया और अमेरिका फिर भयंकर बमबारी करने लगा । हनोई भी इस बमबारी से ध्वस्त हो गया परन्तु वियतनामी डटे रहे । अतत 27 फरवरी 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति पर हस्ताङ्कर हुए और अमेरिका से चला आ रहा युद्ध समाप्त हो गया और दोनों वियतनाम का एकीकरण हो गया ।
4. फ्रांसीसी शोषण के साथ – साथ उसके द्वारा किये गये सकारात्मक कार्यों की समीक्षा करें ?
उत्तर – फ्रांसीसियों ने हिन्दचीन में अपना शोषण आरंभ कर दिया । शोषण के साथ – साथ अपनी सुविधा और फायदा के लिए फ्रासीसियों ने कुछ सकारात्मक कार्य भी किये । सर्वप्रथम फ्रांसीसियों ने शोषण के साथ कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के लिये नहरों और जल निकासी का समुचित प्रबंध किया । उसके साथ ही दलदली भूमि जगलों और सिंचाई रहित जमीन को कृषि योग्य बनाया गया । इन्हीं प्रयासों से वियतनाम 1931 ई 0 में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश बन गया । इसी दौरान सड़क का जाल बिछाया गया संरचनात्मक विकास जोरो से किया गया । जिसमें रेलनेटवर्क का भी बहुत विकास हुआ । इस प्रकार सकारात्मक प्रयासों के साथ भी किसानों की स्थिति दयनीय होती चली गयी ।
5. हिन्दी चीन के राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें ।
उत्तर – हिन्दचीन में फांसीसी उपनिवेश के कुछ दिनों बाद ही छिटपुट विद्रोह शुरू हो गये थे और राष्ट्रवाद की भावना पनपने लगी थी । लेकिन उस समय की घटना जापान द्वारा रूस को हराना हिन्दचीनियों के लिये प्रेरणास्रोत बन गया और रूसो एवं माण्टेस्क्यु जैसे विचारकों के विचारों ने इसे और उदलित किया । हजारों मजदूरों को वेगार बनाकर युद्ध की अग्रिम पंक्ति लड़ाना उनका मारा जाना भी आग में घी का काम किया । हो – चि – मिन्ह नामक एक वियतनामी छात्र ने पेरिस में ही साम्यवादी गुट बनाया और गणतंत्र का सपना देखना शुरू किया । 1930 ई ० के दशक में विश्वव्यापी मॅदी ने भी राष्ट्रवाद के विकास में योगदान दिया । इस समय चावल , रबड़ के दाम गिर गये और हजारों हिन्द चीनी बेरोजगार हो गय । इस स्थिति में किसान भी साम्यवाद ( राष्ट्रवाद ) की ओर अग्रसर होते चले गये और राष्ट्रवाद ने एक व्यापक लहर का रूप ले लिया । परन्तु फ्रांस का आतंक जारी रहा और आदोलन भीतर – भीतर खौलता रहा जिसका अंत द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वियतनामी स्वतंत्रता से हुआ ।