तुमुल कोलाहल कलह में

प्रश्न 1. ‘हृदय की बात’ का क्या कार्य है ? उत्तर – इस तूफानी कोलाहलपूर्ण वातावरण में श्रद्धा, जो वस्तुतः स्वयं कामायनी है, अपने हृदय का सच्चा मार्गदर्शक बनती है । कवि का हृदय कोलाहलपूर्ण वातावरण में जब थककर चंचल चेतनाशून्य अवस्था में पहुँचकर नींद की आगोश में समाना चाहता है, ऐसे विषादपूर्ण समय में […]

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कवित्त

प्रश्न 1. शिवाजी की तुलना भूषण ने किन-किन से की है ? उत्तर- प्रस्तुत कवित्त में महाकवि भूषण ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना इन्द्र, वड़वाग्नि (समुद्र की आग), श्रीराम, पवन, शिव, परशुराम, जंगल की आग, शेर (चीता) प्रकाश अर्थात् सूर्य और कृष्ण से की है। प्रश्न 2. शिवाजी की तुलना भूषण ने भृगराज से

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‘छप्पय

प्रश्न 1. नाभादास ने छप्पय में कबीर की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ? उनकी क्रम से सूची बनाइए । उत्तर- अपने ‘छप्पन’ कविता में नाभादासजी ने कबीर की जिन-जिन विशेषताओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया है – वे निम्नांकित हैं कबीर का व्यक्तित्व अक्खड़ था । उन्होंने भक्ति विमुख तथा कथित धर्मों की खूब धज्जी

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तुलसीदास

तुलसीदास प्रश्न 1. “कबहुँक अंब अवसर पाई ।” यहाँ ‘अंब” संबोधन किसके लिए है ? इस संबोधन का मर्म स्पष्ट करें। उत्तर– उपर्युक्त पंक्ति में ‘अंब’ का संबोधन “माँ सीता” के लिए किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास ने सीताजी के लिए सम्मानसूचक शब्द ‘अंब’ के द्वारा उनके प्रति सम्मान की भावना प्रदर्शित की है प्रश्न

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सूरदास

सूरदास सूरदास जी भक्तिकाल के सगुण धारा के महान कवि होने के साथ-साथ महान संगीतकार भी थे। उन्होंने अपनी कृतियों श्री कृष्ण के सुंदर रुपों, बाल स्वरुप और उनकी महिमा को ममस्पर्शी वर्णन किया है। भक्ति और श्रंग्रार रस को मिलाकर सूरदास जी ने कई कविताएं और पद लिखे हैं, जिन्हें पढ़कर हर किसी का

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कड़बक

कड़बक कड़बक प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. ‘रकत के लेई’ का क्या अर्थ है ? उत्तर – यहाँ पर लेखक ने लेई के रूपक से यह बताने की चेष्टा की है कि उसने अपने  कथा के विभिन्न प्रसंगों को किस प्रकार एक ही सूत्र में बाँधा है। कवि कहता है कि मैंने अपने रक्त की लेई बनाई

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